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सोना 7000 रुपये हुआ महंगा, रिटर्न में FD-शेयर बाजार छूटे पीछे, जानिए ताजा भाव

(शशि कोन्हेर) : पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतें  जमकर चमकी हैं. देश में गोल्ड का भाव पिछले हफ्ते ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गए थे. दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव पहली बार 61,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े पार चला गया था. इस साल गोल्ड ने जोरदार रिटर्न दिया है, जो इक्विटी और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) समेत कई एसेट क्लास पर भारी पड़ा है. ग्लोबल महंगाई और आर्थिक मंदी की आशंका के चलते सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है. दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने जमकर गोल्ड की खरीदारी की है.

गोल्ड हमेशा से ही सबसे सुरक्षित पूंजी माना जाता है. संकट के दौर में इसकी कीमतें तेजी से चढ़ती हैं. मंदी की आशंका, बैंकिंग संकट और शेयर बाजार की अस्थिरता ने इसे एक बार फिर से सबसे अधिक वैल्यूएबल एसेट बना दिया है.

जनवरी 2023 से लेकर अब तक सोने की कीमतों में नौ फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 में दो से तीन फीसदी की गिरावट आई है. जानकारों का कहना है कि हाल फिलहाल सोने की कीमतों में गिरावट के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. अगर हम बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले रिटर्न को देखें, तो पिछले कुछ महीनों में इसमें इजाफा हुआ है.

हालांकि, FD के रिटर्न गोल्ड के मुकाबले कम हैं. पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद बैंकों ने अपनी FD को आकर्षक बनाने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया. इससे बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की औसत ब्याज दर 5.5 फीसदी से सात फीसदी पर पहुंच गई है. दिसंबर 2022 में सोना 54000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास था. इस हिसाब से सोना साल 2023 में अब तक 7000 रुपये महंगा हुआ है.

सोने की कीमतों में भारी इजाफा

एक्सपर्ट्स की मानें, तो पिछले वित्त वर्ष 2023 घरेलू बाजारों में सोने की कीमतें 52,000 रुपये से बढ़कर 60,000 रुपये तक पहुंचे. इस दौरान रेट में 8,000 रुपये का भारी इजाफा हुआ. यानी कुल 15 फीसदी का रिटर्न गोल्ड ने दिया है. वहीं, वित्त वर्ष 23 में निफ्टी ने निगेटिव रिटर्न दिया है. क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए जियो-पॉलिटिकल तनाव ने ग्लोबल स्तर पर महंगाई दर को बढ़ा दिया था. फिर महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों बढ़ाना शुरू कर दिया, जिससे आर्थिक मंदी की आशंका नजर आने लगी और इस संकट की स्थिति में सोने की कीमतें चमक उठीं.

मिल सकता है 20 फीसदी का रिटर्न

सेफ्टी के नजरिए से आरओआई के मामले में सोना अभी भी आकर्षक लग रहा है. ग्लोबल स्तर पर महंगाई दर अभी भी हाई लेवल पर बनी हुई है. इस वजह से ब्याज इसलिए जानकारों का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भी सोने की कीमतों में तेजी नजर आ सकती है. अगले साल यानी वित्त वर्ष 24 के अंत तक पहुंचने से पहले ही बेस केस परफॉर्मेंस के आधार पर सोने की कीमतें आसानी से 66000-68000 तक पहुंच सकती हैं. अगर का मार्केट का सेंटिमेंट बुलिश नजर आया, तो गोल्ड में निवेश करने वाले 20 फीसदी तक का रिटर्न हासिल कर सकते हैं.

मार्केट के जानकारों का कहना है कि इंटरनेशनल कीमतों के हिसाब से घरेलू स्तर पर सोने की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है. अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमतें 10 फीसदी उछलेंगी, तो भारतीय बाजार में इसके रेट में सात फीसदी की तेजी देखने को मिलेगी. सोना एकमात्र ऐसा एसेट है, जो हर सेंट्रल बैंक के पास है.

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