गुर्गा, बाहुबली, माफिया और डॉन न लिखा जाए मेरे नाम के आगे मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से लगाई गुहार
यूपी की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी में स्पेशल सेशन जज की अदालत में गुहार लगाई है कि उसके नाम के आगे गुर्गा, बाहुबली, माफिया और डॉन जैसे विशेषण न लगाए जाएं। उसने पुलिस और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर ऐसे विशेषणों के जरिए बदनाम करने का आरोप लगाया है।
मुख्तार ने अदालत में देश की स्वतंत्रता के संग्राम में अपने परिवार की भूमिका का वास्ता देते हुए अपने वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी देकर यह गुहार लगाई है। एंबुलेंस कांड और गैंगस्टर एक्ट के तहत बुधवार को मुख्तार की जेल से अदालत में वर्चुअल पेशी हुई थी।
मुख्तार की अर्जी में लिखा है कि पुलिस के कुछ मौजूदा और सेवानिवृत हो चुके अधिकारी मीडिया के जरिए उसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। मुख्तार ने यह भी कहा है कि मुकदमों में चार्जशीट दाखिल हो जाने जाने के बाद अदालत में विवेचना जारी है।
उधर, गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग कर मेरे साथियों पर गलत कार्रवाई की जा रही है। अंसारी ने पुलिस अधिकारियों ओर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर मीडिया ट्रायल के जरिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया।
मुख्तार की अर्जी में लिखा है कि कई लोग मेरे लिए माफिया डॉन, बाहुबली, गुर्गा आदि अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह मेरे खिलाफ दुष्प्रचार है। मैं कई बार विधायक रहा हूं। मेरे परिवार की देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुख्तार का दावा है कि जब उसे चुनाव में नहीं हराया जा सका तो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने साजिश करके राजनीतिक करियर खराब करने की कोशिश शुरू कर दी।
यह अर्जी मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बुधवार को अदालत में लगाई। इस पर विशेष सत्र न्यायाधीश कमल कांत श्रीवास्तव ने सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख मुकर्रर की है। मुख्तार के वकील ने कहा अर्जी के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें हेट स्पीच और मुख्तार अंसारी के नाम के आगे गलत शब्दों का इस्तेमाल रोकने की मांग की गई है।