ज्ञानवापी मामला-हिंदू पक्ष की अपील पर विचार करेगा मुस्लिम पक्ष.. कोर्ट के बाहर मामला सुलझाने की पहल
(शशि कोन्हेर) : वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जिला जज की अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई चल रही है। इस बीच हिन्दू पक्ष की तरफ से कोर्ट के बाहर मामले का हल निकालने की पहल की गई है। हिन्दू पक्ष की ओर से लिखे गए पत्र को मुस्लिम पक्ष कमेटी में चर्चा के लिए रखने को तैयार हो गया है।
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस की पांच वादी महिलाओं में से एक राखी सिंह के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की ओर से मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को व्हाट्सएप के जरिए यह पत्र भेजा गया था।
इसके जवाब में मुस्लिम पक्ष की ओर से केस लड़ रही अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी एसएम यासीन ने बुधवार को कहा कि हमें व्हाट्सएप के जरिए विसेन का लेटर मिला है। हमने उन्हें जवाब भी दे दिया है।
हमने कहा है कि उनके पत्र पर गौर करने के लिए इसे कमेटी के समक्ष रखा जाएगा। विसेन ने भी मुस्लिम पक्ष की ओर से मिले जवाब की पुष्टि की है। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख संतोष सिंह ने कहा कि हमें मुस्लिम पक्ष की ओर से सकारात्म जवाब मिला है। हम अब उनके अगले मैसेज का इंतजार कर रहे हैं।
क्या है पत्र में
पत्र में लिखा गया था कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर हिंदू पक्ष व मुस्लिम पक्ष अपने-अपने पक्ष को सही सिद्ध करने के लिए न्यायालय में संवैधानिक लड़ाई लड़ रहा है। हम दोनों पक्षों के द्वारा इस संवैधानिक लड़ाई का लाभ कुछ असामाजिक तत्व अपने निजी फायदे के लिए उठाना चाहते हैं।
जोकि देश और समाज दोनों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में हम सभी का यह कर्तव्य बनता है कि अपने देश और समाज की रक्षा और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए, इस विवाद का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत के माध्यम से निकालकर एक मिसाल कायम करें।
पत्र में मुस्लिम पक्ष से अपील की गई कि मेरा आप सभी से अनुरोध है कि मामले के निबटारे के लिए खुले व पवित्र मन से इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए बातचीत के लिए आगे आएं। हो सकता है, आपसी बातचीत से न्यायालय के बाहर कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल जाए। हमारी तरफ से खुले व पवित्र मन से आप सभी का इस बातचीत के लिए स्वागत है।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मामले में राखी सिंह के साथ ही रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास ने वाराणसी की अदालत में अगस्त 2021 में याचिका दायर करते हुए पूजा का अधिकार देने की मांग की थी। जिला जज की अदालत में 17 अगस्त को भी मामले की सुनवाई हुई और 22 अगस्त की अगली डेट मिल गई है।
वहीं, रेखा पाठक, सीता साहूस लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने लेटर को लेकर कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया। कहा कि अभी तक उन्होंने पत्र नहीं देखा है। कहा कि हमारा स्टैंड बिल्कुल साफ है। हम मामले को कानूनी प्रक्रिया के तहत सुलझाने के प्रयास में हैं। हमने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश पर सर्वे हो रहा है।