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वो कौन है जिसे, दलित कलेक्टर की हत्या का दोषी होने के बाद भी, रिहा कराना चाहती है नीतीश सरकार…?

(शशि कोन्हेर) : बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। बिहार सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आनंद मोहन साल 1994 में हुई गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा काट रहे थे। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जी कृष्णैया मूल रूप से तेलंगाना के रहने वाले थे।

हाईवे पर भरी दोपहर में उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उस वक्त बाहुबली की छवि रखने वाले आनंद मोहन और अन्य को सजा हुई थी।  गौरतलब है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद की 26 अप्रैल को सगाई और 3 मई को शादी है। इसके लिए वह पहले से ही पैरोल पर बाहर हैं।

नियमों में बदलाव का फायदा
आनंद मोहन को नीतीश सरकार द्वारा नियमों में संशोधन का फायदा मिला है। असल में हाल ही में बिहार सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में एक अहम बदलाव को लेकर फैसला लिया है। इसके तहत किसी सरकारी अधिकारी की हत्या को भी साधारण मर्डर जैसे जुर्म में शामिल कर दिया गया है। इसके चलते डीएम की हत्या के दोषी आनंद मोहन के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।

फांसी की मिली थी सजा
आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम रहे जी कृष्णैय्या की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। इस मामले में मुजफ्फरपुर कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी। बाद में ऊपरी अदालत ने इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। आनंद मोहन 14 साल की सजा भुगत चुके हैं। उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें परिहार पर रिहा करने की संभावना थी, लेकिन डीएम की हत्या के आरोप की वजह से उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा था।

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