बिलासपुर

स्वास्थ्य मंत्री जी…बिलासपुर के जिला अस्पताल में ऐसी भी क्या गरीबी कि…

(इरशाद अली संपादक लोकस्वर टीवी के साथ जयेन्द्र गोले) : जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम इतना है कि मरीजों के साथ-साथ परिजनों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रबंधन की लापरवाही के चलते मरीजों को जेनेरिक दवाइयों के साथ-साथ अन्य दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हो रही है। जिससे मरीजों को बाहर से अधिक मूल्य पर दवाई खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में अस्पताल आने वाले लोगों को सरकारी सुविधा कितने मिल रही है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।

परिजन

बिलासपुर जिला अस्पताल के हालात बद से भी बदतर हो गया है कभी बिजली की समस्या और अब जेनेरिक दवाइयों के साथ-साथ अन्य दवा भी उपलब्ध नहीं है। जिनका सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में बैठे सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गुप्ता की अनदेखी के चलते मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जरा इस महिला मरीज को देखिए पैर की हड्डी टूट जाने से प्लास्टर पट्टी के लिए तरस रही। वहीं डॉक्टरों ने प्लास्टर पट्टी नहीं है बाहर मेडिकल से लाना पड़ेगा, तब महिला के परिजनों ने बाहर मेडिकल से खरीद कर प्लास्टर पट्टी दिए तब कहीं जाकर महिला के पैर का प्लास्टर हो पाया।

बाइट – परिजन

भला ऐसे में सरकारी अस्पताल का क्या मतलब रह जाता है ।जब गरीब लोगों को सरकारी अस्पताल में सुविधा ही ना मिले। हम आपको बता दें कि जिला अस्पताल को रेडक्रॉस सोसाइटी ने दवा देने से प्रतिबंध लगा दिया है 22 लाख के कर्ज के अलावा निजी फर्म को 12 लाख रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया है। जिला अस्पताल जिन निजी फर्म को दवाएं खरीद रही उन्हें भी समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। आने वाले समय में इस अस्पताल का क्या होगा भगवान ही जाने। प्रबंधन सब कुछ जान कर भी अंजान बना बैठा हैं।

मरीज

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button