सरकार के प्रयासों से डिजिटली उपलब्ध होंगे स्वास्थ्य रिकॉर्ड, नया हेल्थ इको-सिस्टम हो रहा तैयार
(कमल दुबे) : देश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार लगातार नई-नई पहलों को सामने लेकर आ रही है। स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं को विस्तार देने के लिए डिजिटल समाधानों के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के साथ ई-संजीवनी के एकीकरण की घोषणा की है। यह एकीकरण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को सुविधा प्रदान करेगी। इन प्रयासों से देश में डिजिटल हेल्थ इको-सिस्टम का तेजी से निर्माण हो रहा है।
डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम
स्वास्थ्य सेवाओं को आसान और सुलभ बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों की सहायता से ऐसा का ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें डॉक्टरी सलाह, लैब रिपोर्ट जैसे मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटली उपलब्ध हो सकेगा। डिजिटल माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी स्वास्थ्य की जानकारी और परामर्श को आसानी से प्राप्त कर सकते है। उपयोगकर्ता ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में भी सक्षम होंगे जो बेहतर नैदानिक निर्णय लेने और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
ई संजीवनी का विस्तार
भारत सरकार की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा- ‘ई संजीवनी’ में अन्य सेवाओं को जोड़कर विस्तार किया जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के जुडने से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा 3 करोड़ टेली-परामर्श को पार कर गई है। साथ ही, “ई-संजीवनी” टेलीमेडिसिन ने 1.7 लाख टेली-परामर्श पूरा कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। टेलीमेडिसिन सेवा ने COVID-19 के दौरान काफी योगदान दिया और इसने लोड को कम किया। अस्पतालों और रोगियों को डिजिटल/दूरस्थ रूप से चिकित्सा पेशेवरों से परामर्श करने में मदद की। इससे ग्रामीण इलाकों को पाटने में मदद मिली है। लाभार्थियों के घरों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाकर शहरी विभाजन काफी हद तक कम किया है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM)
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए किया गया है। इस मिशन से न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाएं सरल होंगी, बल्कि इससे जीवन की सुगमता भी बढ़ेगी। इसके तहत अब देशवासियों को एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी और हर नागरिक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा जाएगा। इस पहल के माध्यम से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों तथा अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है ताकि नागरिकों को डिजिटल हेल्थ समाधान उपलब्ध कराया जा सके।
कारगर है नई सुविधा
इस नई सुविधा के अपनाए जाने से अब पुराने मेडिकल रिकॉर्ड खो नहीं सकते क्योंकि हर रिकॉर्ड डिजिटल रूप से जमा किया जाएगा। डिजिटल इकोसिस्टम कई अन्य सुविधाओं को भी सक्षम करेगा जैसे कि डिजिटल परामर्श, रोगियों द्वारा चिकित्सकों को अपने पुराने चिकित्सा दस्तावेज देखने की सहमति आदि। इसके माध्यम से रोगियों को डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में मदद मिलेगी, जिससे बेहतर निदान और देखभाल सुनिश्चित की जा सकेगी। ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सीधे अपनी पसंद के हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकेंगे, जिससे पूरी परामर्श प्रक्रिया कागज रहित हो जाएगी।