संकट में हेमंत सोरेन सरकार, विधायकों को रांची नहीं छोड़ने की हिदायत, सीएम करेंगे विधायकों संग बैठक
(शशि कोन्हेर ) :मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ पत्थर खनन लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई और बहस की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आयोग ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इसके साथ ही झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सत्तापक्ष ने तैयारी आरंभ कर दी है।
कांग्रेस के सारे विधायकों को विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने निर्देश दिया है कि रांची से बाहर बगैर सूचना दिए नहीं जाएं। सूचना देकर बाहर जाने की स्थिति में बुलाने पर चार घंटे के भीतर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें।
झामुमो और कांग्रेस विधायकों की बैठक होगी
आलमगीर आलम ने बताया कि 20 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सत्तारपक्ष के सभी विधायकों की बैठक बुलाई गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी विधायकों की गतिविधियों को लेकर सतर्कता बरती है। दल के विधायकों को लगातार संपर्क में रहने को कहा गया है।
कांग्रेस में अतिरिक्त सतर्कता की एक बड़ी वजह हाल ही में बंगाल में तीन पार्टी विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोनगाड़ी का भारी नकदी के साथ पकड़ा जाना है। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। बताया जाता है कि वे आलाकमान को राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत कराने और दिशा-निर्देश के लिए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने भी 20 अगस्त से आरंभ होने वाला कनाडा दौरा टाल दिया है।
दल-बदल मामले में 30 अगस्त को सुनवाई
विधानसभा सचिवालय ने दल-बदल मामले में अगली सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। स्पीकर न्यायाधिकरण में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी समेत विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के खिलाफ मामला चल रहा है।
तिर्की विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जा चुके हैं। स्पीकर न्यायाधिकरण में 30 अगस्त को दल-बदल से संबंधित सभी सात मामलों में सुनवाई होगी। मरांडी के खिलाफ चार शिकायतें और प्रदीप यादव व बंधु तिर्की के खिलाफ तीन शिकायतें हैं।
22 को बसंत सोरेन मामले में सुनवाई
भारत निर्वाचन आयोग में बसंत सोरेन से जुड़े मामले में 22 अगस्त को सुनवाई निर्धारित है। बसंत सोरेन पर एक खनन कंपनी में साझीदार होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई है कि उन्होंने अपने चुनावी शपथपत्र में इसे छिपाया। बसंत सोरेन दुमका के विधायक हैं। उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की गई है।
विधानसभा की दलीय स्थिति
झामुमो – 30
भाजपा – 26 (बाबूलाल को मिलाकर)
कांग्रेस – 18 (प्रदीप यादव को मिलाकर)
आजसू – 02
भाकपा माले – 01
राकांपा – 01
राजद – 01
निर्दलीय – 02
मनोनीत – 01
फिलहाल अंकगणित पक्ष में है सरकार के
झामुमो, कांग्रेस और राजद को मिलाकर सरकार के पास बहुमत से अधिक विधायकों का आंकड़ा है। कांग्रेस के तीन विधायकों की अनुपस्थिति से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राकांपा और भाकपा माले का भी सरकार को समर्थन है। निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद पैदा हुई परिस्थितियों के मुताबिक इसपर असर पड़ सकता है।