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हाईकोर्ट ने मंत्री की पुत्री को नौकरी से बर्खास्त करने का दिया निर्देश

(शशि कोन्हेर) : कलकत्ता हाई कोर्ट ने एसएससी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की पुत्री अंकिता अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। अदालत ने इसके साथ ही अंकिता को शिक्षिका के तौर पर अब तक मिली सारी तनख्वाह दो किस्तों में लौटाने को भी कहा है। ये रुपये सात जून व सात जुलाई को दो किस्तों में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा कराने होंगे। न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। उन्होंने यह भी कहा कि अंकिता व उनके परिवार के किसी भी सदस्य को स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया जाए। वे अब से शिक्षिका के तौर पर अपना परिचय भी नहीं दे पाएंगी। अंकिता ने कूचबिहार के इंदिरा बालिका विद्यालय में 43 महीने नौकरी की है।

इस बीच मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने परेश चंद्र अधिकारी से लगातार दूसरे दिन लंबी पूछताछ की। शिक्षा राज्य मंत्री शुक्रवार सुबह फिर से केंद्रीय जांच एजेंसी के निजाम पैलेस स्थित दफ्तर में हाजिर हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री ने सीबीआइ को बताया कि उनकी पुत्री की नियुक्ति कैसे हुई, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने एसएससी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की पुत्री अंकिता अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त करने का निर्देश दिया है।

दूसरी तरफ एसएससी मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही पार्थ व एसएससी के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा को एसएससी से जुड़े सभी मामलों में पक्षकार बनाया गया है। न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार की अगुआई वाली खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।

वहीं, दूसरी और बंगाल में सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति में हुई अनियमितता को लेकर मचे घमासान के बीच अब केंद्रीय पुलिस बलों में भर्ती के लिए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) द्वारा आयोजित कांस्टेबल (जीडी) भर्ती परीक्षा- 2021 में भी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।

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