डेरा सच्चा सौदा के कागजों में हनीप्रीत अब गुरमीत राम रहीम की मुख्य शिष्या, मिल सकती है गद्दी
चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पैरोल पर बाहर आ जाने से सियासत गरमा गई है। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को और आदमपुर विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को उपचुनाव है।
पैरोल मिलते ही उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में पहुंचे राम रहीम ने अपनी दो मिनट 12 सेकेंड की वीडियो में चुनावी संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि जैसा आदेश मिले, वैसा किया जाए, मनमर्जी ठीक नहीं होती।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पैरोल पर बाहर आ जाने से सियासत गरमा गई है। हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को और आदमपुर विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को उपचुनाव है।
पैरोल मिलते ही उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में पहुंचे राम रहीम ने अपनी दो मिनट 12 सेकेंड की वीडियो में चुनावी संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि जैसा आदेश मिले, वैसा किया जाए, मनमर्जी ठीक नहीं होती।
डेरा सच्चा सौदे की राजनीतिक विंग किसी भी चुनाव में फैसला लेती है और अपने समर्थकों के जरिए उस फैसले को अंदर ही अंदर प्रसारित करवाती है। डेरा प्रमुख के हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में काफी अनुयायी हैं।
इस बार दीवाली जेल से बाहर मनाएगा गुरमीत
हरियाणा के 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा की अहम भूमिका रही है। इस बार भी डेरा प्रमुख को हिमाचल प्रदेश विधानसभा और आदमपुर उपचुनाव से पहले पैरोल मिली है, जिसके राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं। डेरा प्रमुख इस बार अपनी दीवाली जेल से बाहर मनाएगा। उसकी परम शिष्य हनीप्रीत साथ बताई जाती है।
हनीप्रीत को मिल सकती है डेरे की गद्दी
डेरा प्रमुख के पैरोल पर बाहर आते ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि हनीप्रीत को डेरा सच्चा सौदा की गद्दी का अगला वारिस घोषित किया जा सकता है। इस डेरे में अपने शिष्य को गद्दी सौंपने की परंपरा है। डेरा प्रमुख चूंकि अभी कई साल जेल में रहेगा, इसलिए डेरे की व्यवस्थाओं व कार्यक्रमों को चलाने के लिए गद्दी का संचालन जरूरी है। राम रहीम हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में साध्वी यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति एवं रणजीत हत्याकांड में कैद की सजा काट रहा है।