रेलवे के अफसर सिद्धार्थ ने राष्ट्रवाद पर कैसे दिखाया राहुल गांधी को आईना….
(शशि कोन्हेर) : लखनऊ – लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से राष्ट्र और राज्य के मुद्दे पर सवाल जवाब कर दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बने रेलवे अफसर सिद्धार्थ वर्मा की तैनाती लखनऊ में है। सिद्धार्थ वर्मा ने ही मई 2020 में कोरोना के संपूर्ण लाक डाउन के बाद शुरू हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से देश भर के प्रवासी श्रमिकों को उनकी मंजिल तक सुरक्षित पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। वह उस समय उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सहायक परिचालन प्रबंधक के पद पर तैनात थे। सिद्धार्थ वर्मा की यह उपलब्धि भारतीय रेल यातायात सेवा (आइआरटीएस) के उनके अफसर मित्रों के बीच भी नई चर्चा को जन्म दे रही है।
सिद्धार्थ वर्मा वर्ष 2015 बैच के आइआरटीएस अधिकारी हैं। हरदोई रोड स्थित भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनकी तैनाती वाराणसी में हुई थी। उसके बाद सिद्धार्थ वर्मा को लखनऊ में सहायक परिचालन प्रबंधक की जिम्मेदारी दी गई थी। कोरोना के समय संपूर्ण लाकडाउन के बाद जब श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलीं तो गृह मंत्रालय की ओर से बनाए गए कंट्रोल रूम का प्रभारी सिद्धार्थ वर्मा को बनाया गया।
रोजाना हजारों लोगों को यूपी के कई हिस्सों तक पहुंचाने में सिद्धार्थ वर्मा ने अहम भूमिका निभायी थी। उनके पिता डाक्टर हैं। परिवार अलीगंज में रहता है। सिद्धार्थ वर्मा का लखनऊ में रहते हुए ही प्रमोशन मंडल परिचालन प्रबंधक के पद पर हुआ था। इस बीच पिछले साल अक्टूबर में वह स्कालरशिप से पढ़ाई करने कैंब्रिज विश्वविद्यालय गए थे।
ऐसे राहुल गांधी को किया निरुत्तर : सिद्धार्थ वर्मा ने अपने ट्विटर पर राहुल गांधी के साथ हुए संवाद को ट्वीट किया था। उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी के उनके भारत राष्ट्र नहीं है, बल्कि राज्यों का संघ इसके बयान पर सवाल किया था। राहुल गांधी इस बात पर जोर दे रहे थे कि भारत एक राष्ट्र नहीं , बल्कि यह राज्यों के बीच समझौते का नतीजा है।’
अपने पोस्ट किए वीडियो में सिद्धार्थ वर्मा कह रहे हैं कि ‘आपने यह कहते हुए संविधान के अनुच्छेद 1 का हवाला दिया कि संविधान के आधार पर भारत राज्यों का संघ है। अगर एक पन्ना पहले जाएंगे और प्रस्तावना देखेंगे, तो इसमें लिखा है कि भारत एक राष्ट्र है। भारत अपने आप में सबसे पुरानी जीवित सभ्यताओं में से एक है और यह शब्द वेदों में भी है और हम बहुत पुरानी सभ्यता हैं।’ सिद्धार्थ वर्मा ने चाणक्य की तक्षशिला में छात्रों से हुए संवाद का भी जिक्र किया था।