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कन्हैया लाल हत्याकांड से लोगों में आक्रोश, इंटरनेट सेवा बंद, कई जगह कर्फ्यू, सीएम जाएंगे उदयपुर

राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की नृशंस हत्या को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। देशभर में कन्हैया लाल के हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है। उधर, गृह मंत्रालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA)को सौंप दी है। दरअसल, इस आतंकी वारदात में विदेशी साजिश की भी आशंका जताई जा रही है। उधर, राजस्थान एटीएस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपियों से पूछताछ के आधार पर करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे भी पूछताछ जारी है। वहीं उदयपुर प्रशासन ने एहितयातन शहरभर में कर्फ्यू लगाया था। प्रदेशभर में इंटरनेट भी बंद है। हत्या के बाद शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुरुवार को कर्फ्यू में और सख्ती बरती जाएगी। पूरे प्रदेश में एक महीने के लिए धारा-144 लगा दी गई है। उधर, उदयपुर और जयपुर में बंद का ऐलान किया गया है।

कन्हैया लाल हत्याकांड में NIA की जांच और पूछताछ आज भी जारी रहेगी। NIA, SIT और उदयपुर पुलिस लगातार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। उदयपुर पुलिस ने पकड़े गए गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार के घर पर भी छापेमारी की है। गुरुवार को एनआईए पूछताछ कर आरोपियों की गिरफ्तारी दिखा सकती है। इसके 24 घंटे बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उधर, गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव व अन्य अधिकारी उदयपुर आएंगे। यहां कन्हैयालाल के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे।

उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के विरोध में सर्व समाज ने गुरुवार को विशाल रैली निकालने का निर्णय लिया है। यह रैली सुबह 9.30 बजे से निकाली जाएगी। रैली में सभी समाज के प्रतिनिधि और लोग शामिल होंगे। टाउन हॉल से रवाना होकर यह रैली कलेक्ट्रेट तक पहुंचेगी। भाजपा ने भी गुरुवार को उदयपुर में प्रदर्शन का ऐलान किया था। देर रात तक इस पर निर्णय नहीं हो पाया था।

कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में 30 जून को जयपुर बंद रखा जाएगा। जयपुर के सेवा सदन में हुई हिंदू संगठनों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बंद के दौरान अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार और प्रतिष्ठान बंद रखे जाने का फैसला हुआ है। 3 जुलाई को हिंदू संगठन जयपुर में बड़ा विरोध मार्च निकालेंगे। जयपुर में हुई बैठक में आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल समेत कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मौजूद रहे।

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