हाइपोफ्रेक्नेटेड रेडियोथेरेपीश् कैंसर के खिलाफ एक नवीन रणनीति . डाॅ राहुल मिश्रा
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – ज्ञात हो मई के महीने को युरोलाॅजी कैंसर जागरूकता माह एवं ब्रेन कैसर एवं ट्यूमर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है इस अवसर पर अपोलो कैंसर हाॅस्पिटल में एक मेगा प्रेस वातार् का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देष्य कैंसर के ईलाज में कारगर नवीन तकनीको के लाभ जानना था । इस कड़ी में अपोलो कैंसर हाॅस्पिटल के रेडीयेषन आॅंकोलाॅजिस्ट डाॅ राहुल मिश्रा ने बताया की हाइपोफ्रेक्षनेटेड रेडियोथेरेपी कैंसर के खिलाफ एक नवीन रणनीति है और काफी कारगर है।
डाॅ राहुल मिश्रा देष के जाने माने रेडीयेषन आॅकोलाॅजिस्ट की श्रेणी में आते है उन्होने ने बताया की न सिफर् इस तकनीक से रेडियेषन सिकाई की होने वाली संख्या में कमी आती है साथ ही इसके साईड इफेक्ट और उससे मरीज को होने वाली तकलीफ की समयावधि में प्रभावी रूप से कमी आती है। ज्ञात हो डाॅ राहुल मिश्रा इससे पहले एस सी जी अहमादाबाद में कायर्रत थे उन्होंने एफ आर सी आर की डिग्री यु के से प्राप्त की है जो की रेडियेषन आॅकोलाॅजी के क्षेत्र में दुलर्भ मानी जाती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ कैंसर सजर्न डाॅ अमित वमार् ने आष्वस्त किया की डाॅ राहुल मिश्रा द्वारा प्रयोग में लाई जा रही यह नवीन तकनीक अंचल के कैंसर मरीजों के लिये वरदान से कम नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया की ब्रेस्ट कैंसर सजर्री की तकनीक काफी तकनीक काफी उन्नत हो गई है जहां पहले पूरे ब्रेस्ट को निकाल दिया जाता था वही अब केवल बिमारी वाले हिस्से की ही सजर्री संभव है।
ओरल कैंसर की सजर्री भी काफी उन्नत हुई है अब संपूणर् जबड़ा अत्यंत गंभीर परिस्थितियों में निकालने की जरूरत होती है इस परिस्थितियों में भी शल्य चिकित्सा द्वारा जबड़ा बनाया जाता है। चेहरा विकृत होने से बचाया जा सकता है।