मंदिर में मुझे ताकत मिलती है, चंद्रयान से हर चीज को जोड़ना गलत….आस्था के सवाल पर ISRO चीफ
(शशि कोन्हेर) : चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का नामकरण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ‘शिव शक्ति पॉइंट’ के रूप में किए जाने की तारीफ ISRO चीफ एस सोमनाथ ने भी की थी। उन्होंने कहा कि इस मामले को किसी भी तरह विवादित बनाने की जरूरत नहीं है। भारतीय संस्कृति के आधार पर इस साइट का नामकरण करना हमारा परमाधिकार है। इसरो चीफ ने केरल के विझिंजम में स्थित पौर्णामिकावू मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने अपनी आस्था के सवाल पर जाब देते हुए कहा कि विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे से स्वतंत्र और अलग-अलग हैं।
उन्होंने कहा, विज्ञान आर अध्यात्म को मिक्स करने की जरूरत नहीं है। मैं यहां आया हूं क्योंकि मंदिर से मुझे आध्यात्मिक बल मिलता है जिससे कि मैं बाकी का काम कर पाता हूं। मैं एक धार्मिक इंसान हूं। मैं बचपन से हमेशा मंदिर जाता रहा हूं। इसका चंद्रयान से कोई लेना-देना नहीं है। यह मेरा निजी मामला है।
चंद्रमा पर शिव शक्ति और तिरंगा पॉइंट को लेकर इसरो चीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा नारी और पुरुष शक्तियों की बात करते हैं। इसरो में महिलाओं ने बड़ा योगदान दिया है और संगठन में एक तरह की जान फूंक दी है। इसीलिए लैंडिंग साइट के नामकरण में इसकी झलक नजर आती है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि लूनर क्रेटर का नाम साराभाई भी रखा गया है जो कि विक्रम साराभाई के नाम पर है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा का ध्रुवीय इलाका कई इंटरेस्टिंग बातें सहेजे हुए है। यह बेहद कठिन भी है क्योंकि यहां बहुत सारी पहाड़ियों और घाटियों जैसी संरचना है। ऐसे में गणना में अगर छोटी से चूक भी होती है तो पूरा मिशन फेल हो सकता है। उन्होंने कहा कि अब भारत के पास चंद्रमा की सबसे अच्छी तस्वीर है।
एस सोमनाथ ने कहा कि भारत के पास चंद्रमा की जैसी तस्वीर है वैसी किसी के पास नहीं है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को लेकर उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक से काम कर रहा है। लैंडर पर लगे सभी पांच पेलोड्स ठीक से काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि 3 सितंबर से पहले ही हम सारे प्रयोग कर लेंगे। बता दें कि रविवार को इसरो ने विक्रम लैंडर द्वारा किया गया थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट के नतीजे साझा किए थे। इसरो ने कहा था कि चंद्रमा पर सतह के तापमान और थोड़ा अंदर की मिट्टी के तापमान में बड़ा अंतर है।