कमर में दर्द था, बैठने की पोजीशन बदली तो हो गया ट्रोल’, CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनाया किस्सा..
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को एक हालिया घटना को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे सुनवाई के दौरान अपने बैठने की स्थिति को लेकर उन्हें ट्रोलिंग और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था। बेंगलुरु में न्यायिक अधिकारियों के द्विवार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने इस बारे में बताया।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘4-5 दिनों पहले की बात है जब मैं एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस दौरान मुझे अपनी पीठ में थोड़ा दर्द महसूस हुआ। ऐसे में मैंने कोर्ट में ही अपनी कोहनियां कुर्सी के ऊपर रख दीं और अपनी कुर्सी की पोजीशन भी थोड़ी सी शिफ्ट की।’
सीजेआई ने कहा कि इसे लेकर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें अहंकारी बताने लगे। वे लोग यह दावा भी करने लगे कि मैं अदालत में बहस के बीच ही वहां से उठा था। मगर, उन लोगों ने यह नहीं बताया कि मैंने जो कुछ भी किया वह महज कुर्सी पर अपनी जगह बदलने के लिए था।
चंद्रचूड़ ने कहा, ’24 साल तक न्याय से जुड़े काम देखना थोड़ा कठिन हो सकता है जो मैंने किया है। मगर, मैंने अदालत नहीं छोड़ी। उस दिन भी मैंने केवल अपनी जगह बदली थी। मगर, इसे लेकर मुझे भयंकर दुर्व्यवहार और ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा।’
काम और जीवन में संतुलन बनाना जरूरी: सीजेआई
डीवाई चंद्रचूड़ ने इस तरह की स्थिति का सामना करने के बावजूद आम नागरिकों की सेवा करने की न्यायपालिका की प्रतिबद्धता पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा, ‘हमारे कंधे चौड़े हैं और हम जो काम करते हैं उसे लेकर आम नागरिकों का पूरा भरोसा है।’ मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारियों के लिए तनाव को मैनेज करना जरूरी बताया।
साथ ही उन्होंने काम और जीवन संतुलन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अदालतों में आने वाले बहुत से लोग अपने साथ हुए अन्याय को लेकर तनाव में रहते हैं। मगर, कभी-कभी लोग न्यायाधीश के रूप में हमारे साथ व्यवहार की सीमा लांघ जाते हैं। मालूम हो कि 2 दिवसीय सम्मेलन में चर्चा के लिए यह भी एक मुद्दा रखा गया था।