कलकत्ता और ओडिशा हाई कोर्ट में जज रह चुके रिटायर्ड जस्टिस चितरंजन दास ने एक इंटरव्यू में कहा कि किसी को अपनी राजनीतिक पहचान छिपाने की जरूरत नहीं है। वह खुलकर कहते हैं कि वह आरएसएस के सदस्य थे।
उन्होंने कहा कि एक जज रहते हुए उन्होंनें संविधान के मुताबिक काम किया और उनकी व्यक्तिगत विचारधारा कभी आड़े नहीं आई। जस्टिस दास ने यह भी कहा कि आरएसएस में हर विचारधारा के लोग रहते हैं और यह संगठन किसी को किसी विचारधारा के लिए बाध्य नहीं करता है।
बता दें कि जस्टिस चितरंजन अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक फैसले में कहा था कि महिलाओं को भी अपनी कामेच्छा पर काबू करना चाहिए। उन्होंने कहा था, कमेच्छा पर काबू करना चाहिए क्योंकि क्योंकि कई बार समाज की नजर में महिलाओं को गिरना पड़ता है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को लेकर कहा था कि कई बार जजों की टिप्पणी गलत संदेश दे देती है। इसके बाद रिटायरमेंट के वक्त उन्होंने कहा कि वह आरएसएस के सदस्य हुआ करते थे। हालांकि उन्होंने कहा कि किसी पार्टी से उनका संबंध नहीं रहा और किसी भी वजह से उनके फैसले कभी प्रभावित नहीं हुए।
जस्टिस दास ने कहा कि आरएसएस अपने 100 साल पूरे करने जा रहा है। आरएसएस को कई लोग अछूत संगठन मानते हैं लेकिन इस संगठन ने किसी के माइंड वॉशि की कोशिश कभी नहीं की।
मुझे इसका व्यक्तिगत अनुभव है। आरएसएस लोगों के व्यक्तित्व को निखारता है। यह लोगों को अच्छा नागरिक बनाता है और चाहे कोई प्रधानमंत्री हो, जज या कलेक्टर हो। हर किसी को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा, यह कोई क्रांतिकारी संगठन नहीं है। इतिहास में पता चलता है कि इंदिरा गांधी को भी आरएसएस की मदद पड़ी थी। चीन से युद्ध के समय भी आरएसएस ने काफी काम किया था। ये चीजें लोगों को बताई नहीं जाती हैं।
आरएसएस यही कहता है कि आपको अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध रहना है। कई लोगों ने गलत जानकारी देकर इस संगठन की छवि धूमिल करने की कोशिश की है।
जस्टिस दास ने कहा की मैं आरएसएस का सदस्य था र इससे मेरा काम कभी प्रभालित नहीं हुआ। एक जज रहते हुए मैं संविधान के प्रति वफादार रहा। आप हमारे कई फैसले देख सकते हैं। आरएसएस आपसे कभी राइट या लेफ्ट में जाने को नहीं कहता है।
उन्होंने कहा, कई बार हमारे फैसलों में कांग्रेस और टीएमसी नेताओं को भी राहत मिली। मैंने यह कभी नहीं सोचा कि जो बीजेपी के खिलाफ हैं वे हमारे दुश्मन हैं। हमने कानून के मुताबिक ही सबके साथ व्यवहार किया।