छत्तीसगढ़

बदला लेकर रहूंगा! और उतार दिया मौत के घाट —  कातिल गिरफ्तार

(मुंन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+ (सरगुजा) :एक ग्रामीण महिला को धारदार हथियार से  निर्दयता पूर्वक हत्या कर  मौत के घाट उतारे   जाने का मामला प्रकाश में आया है । पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विष्णु सिंह पिता स्वर्गीय राम प्रसाद सिंह जाति कवर उम्र 56 साल साकीन ग्राम तूगा पखना ढोढी पारा ने 24 जुलाई को थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया की उसकी पत्नी सुमारी सिंह का क़त्ल गांव के ही शिवपाल सिंह  ने धारदार हथियार से कर दिया  है। इस हत्या कांड का जमीनी हकीकत कुछ इस तरह है
बीते दिन  24 जुलाई को विष्णु सिंह 2 किलोमीटर दूर  बस्ती पारा  दुकान में सामान लेने गया था ।

तथा उसकी लड़की लखनी सिंह रोपा जगाने गई थी विष्णु सिंह जब दुकान से सामान खरीदारी करने के बाद वापस घर आया तो देखा कि उसकी पत्नी घर के परछी में रक्त रंजित पड़ी हुई है। हिला डुला कर देखा तो वह मर चुकी थी।

पूछताछ करने पर पड़ोसी सोनमेत बाई ,बिरुम सिंह ने बताया कि शिवपाल सिंह शाम तकरीबन 5:30 बजे उसके घर के तरफ से हाथ में बसूला लिए नदी  के तरफ जा रहा था बसुला में खून लगे  होने की भी पुष्टि किया दरअसल डेढ़ माह पूर्व शिवपाल सिंह और उसके पिता बुधराम सिंह से महिला की झगड़ा विवाद  हुई थी शिवपाल सिंह यह भी बोला था कि इसका बदला मैं लेकर रहूंगा प्रार्थी के रिपोर्ट और इकबालिया बयान के आधार पर लखनपुर पुलिस अपराध सदर क़ायम  कर मामले को विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान कातिल शिवपाल सिंह को महेशपुर से घेराबंदी कर पुलिस हिरासत में लिया जाकर पूछताछ किया गया जिस पर कातिल ने बताया कि डेढ़ माह पूर्व मृतिका ने उसके पिता  के  पीठ तथा पेट में मारा था ।

जिसका इलाज  लखनपुर एवं जिला अस्पताल में हुआ ।रिपोर्ट थाना में नहीं कराया गया था। इस बात से रंजिश रखते हुए बदले की भावना से वक्त  की नजाकत को समझते हुए कातिल ने महिला को उस वक्त मौत के घाट उतार दिया जब मकतुला घर में अकेली थी।  कातिल शिवपाल सिंह ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए धारदार  बसुला से महिला की हत्या कर दी। अपराधी के विरुद्ध जुर्म सबूत पाए जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

इस कार्रवाई में प्रशिक्षु भा0 पू 0से0 चिराग जैन उप निरीक्षक डाकेश्वर सिंह, प्रमोद पांडेय, सहायक उपनिरीक्षक अरुण गुप्ता, डेबिट मिंज, प्रधान आरक्षक नरेंद्र जांगड़े, आरक्षक देवेंद्र सिंह, वंदे केरकेटटा, जानकी प्रसाद राजवाड़े इंद्र प्रसाद सिंह राजेंद्र सिंह सक्रिय रहे ‌।

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