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बाबा की नगरी, बाबा बैजनाथ धाम (देवघर) में महाशिवरात्रि पर शिव बारात और धारा 144 लेकर क्यों भड़का है आक्रोश..?

(शशि कोन्हेर) : देवघर में महाशिवरात्रि से पहले सियासत का महासंग्राम छिड़ गया है। महाशिवरात्रि पर शिव बारात रोकने की कोशिश का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दुबे ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सीधे निशाने पर लिया है। बुधवार को देवघर में पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि बाबानगरी में महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री शिव बारात नहीं निकालने देना चाहते हैं। वह इसका विरोध करेंगे और अनशन को भी तैयार हैं। उन्होंने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।

शिव बारात को लेकर विवाद ऐसे समय पर हो रहा है जब एक दिन पहले ही पलामू के पांकी प्रखंड मुख्यालय में सांप्रदायिक झड़प हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव है। इसे देखते हुए चार थानों की पुलिस घटनास्थल पर कैंप कर रही है। पांकी में निषेधाज्ञा लागू करते हुए पूरे जिले में 16 फरवरी की शाम तक अस्थायी रूप से इंटनेट सेवा बंद कर दी गई है।

दुबे ने कहा कि बाबानगरी में शिव बारात का प्राचीन इतिहास रहा है। अंग्रेजों के जमाने में अधिकारी रहे कास्टेयर व विलियम्स ने भी क्रमश 1854 व 1890 में यहां के शिव बारात की चर्चा अपनी किताब में की है। शिव बारात का इतिहास व परंपरा काफी पुरानी है। उन्होंने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ की विशेषता कांवर यात्रा और शिव बारात है। गत 25-30 वर्षों से इसका स्वरूप भव्य हो गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में सांसद चुने जाने के बाद से ही वह बाबानगरी के शिव बारात में शामिल होते रहे हैं।

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