छत्तीसगढ़ में एक माह से चल रही संतो की पदयात्रा का समापन 19 मार्च को रायपुर में धर्म संसद के साथ होगा
(शशि कोन्हेर) : रायपुर । हिंदू राष्ट्र की संकल्पना को लेकर एक महीने से चल रही छत्तीसगढ़ में संतों की पदयात्रा का समापन धर्म-संसद के साथ होगा। राजधानी में 19 मार्च को धर्म-संसद का आयोजन किया गया है। इसमें देशभर के 500 से अधिक संत शहर के रावणभाठा मैदान में जुटेंगे। हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पद यात्रा की शुरूआत महाशिवरात्रि के दिन 18 फरवरी से की गई थी। तब से लेकर अब तक इस यात्रा में हजारों लोग शामिल हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ के चार अलग-अलग दिशाओं के शक्तिपीठों से निकली इस यात्रा में हिंदुत्व, सनातन धर्म और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया जा रहा है। अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ और विश्व हिंदू परिषद (छत्तीसगढ़ प्रांत) के बैनर तले इस यात्रा में देशभर के अलग-अलग राज्यों के संत शामिल हो रहे हैं।
धर्म-संसद में महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी चिंदबरानंद सरस्वती (मुंबई), स्वामी संपूर्णानंद आर्य समाज (हरियाणा), साध्वी प्राची (देहरादून), महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद (हरिद्वार), युधिष्ठिर लाल महाराज शदाणी दरबार, रायपुर,महंत रामलोचन दास निर्मोही अखाड़ा (चित्रकूट धाम), श्रीराम बालकदास पाटेश्वर धाम बालोद (छत्तीसगढ़), स्वामी सर्वेश्वर दास सहित छत्तीसगढ़ व देश के विभिन्न् राज्यों से संतों का जमावड़ा होगा।
दलितों के घर ‘हरि भोजन
संतों की इस पदयात्रा में संत समाज दलितों के घर भोजन भी कर रहे हैं। इसे ‘हरि भोजन का नाम दिया गया है। संतों का कहना है कि समाज में भेदभाव की जो रेखा खींची गई है, उसे मिटाने के लिए ‘हरि भोजन किया जा रहा है। आयोजकों का ये भी कहना है कि मतांतरण से सर्वाधिक दलित समाज ही प्रभावित हो रहा है।
राजधानी में आयोजित धर्म-संसद की जानकारी लोगों तक पहुंचाने और प्रचार-प्रसार को लेकर 16 मार्च को राजधानी में बाइक रैली निकाली जाएगी। इस रैली में चार हजार लोगों के साथ प्रमुख संत शामिल रहेंगे। यात्रा 17 मार्च को राजधानी पहुंचेगी। 18 मार्च को राजधानी के विभिन्न् क्षेत्रों में घरों-घर दस्तक देकर धर्म-संसद में शामिल होने का न्यौता दिया जाएगा।