बिलासपुर

व्यापार विहार सहित पूरे क्षेत्र में बड़ी कंपनियों के नकली उत्पाद पानी के मोल खरीदकर महंगे में बेचने वालों की कब धरपकड़ करेगी पुलिस..?

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बिलासपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में बड़ी-बड़ी कंपनियों के डुप्लीकेट और नकली उत्पादों को असली उत्पादों की कीमतों पर बेचकर करोड़ों का वारा न्यारा किया जा रहा है। हाल में तारबहार पुलिस ने नरेश ट्रेडिंग नामक एक व्यवसाई की दुकान में छापा मारकर नकली और घटिया वस्तुओं को असली कीमत पर बेचने के आरोप में छापामारी की थी। यह समझ में नहीं आ रहा है कि व्यापार विहार की केवल एक दुकान पर ही छापा मारकर तारबाहर पुलिस ने अपने मुंह में ताले कैसे लगा लिये। जबकि व्यापार विहाल के कुछ व्यवसायियो द्वारा बडी और ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगे घटिया और नकली सामानों को पानी के मोल खरीद कर ओरिजिनल और असली एमआरपी की कीमत पर ओरिजिनल रैपर लगाकर बेचने चर्चा पुरे मार्केट में है। पता चला है कि इस गोरखधंधे के पीछे कुछ व्यापारियों का एक पूरा गिरोह काम कर रहा है।

यह गिरोह गुजरात के सूरत से बड़ी-बड़ी कंपनियों के रैपर लगे नकली और घटिया उत्पादों को ट्रेन से रायपुर तक भेज रहे हैं। और रायपुर से फिर यह नकली सामान बिलासपुर,सरगुजा, बस्तर, कोरबा, मुंगेली, जांजगीर चांपा पेंड्रा रोड समेत सभी जिलों और उड़ीसा में भेजकर असली कंपनी के रैपर लगाकर ओरिजिनल सामान की एमआरपी पर बेच कर लंबी रकम कमाई जा रही है। इस पूरे खेल में रायपुर से लेकर पूरे प्रदेश में करोड़ों रुपए का नकली सामान ओरिजिनल के नाम और कीमत पर खपा कर चांदी काटी जा रही है। जानकारी है कि प्रशासन और पुलिस को भी इसकी पूरी पूरी भनक है। लेकिन वह भी गाहे-बगाहे 1-2 दुकानदारों पर छापा मारकर अपने माथे पर ईमानदारी का तमगा लगा देते हैं।

अब आपको यहां इस गोरखधंधे की समझ देने के लिए इस पूरे खेल की जानकारी दे रहे हैं। रोज सूरत से असली कंपनियों के रैपर लगे लाखों के नकली उत्पाद रायपुर पहुंच रहे हैं। वहां से इन सामानों को पूरे प्रदेश और उड़ीसा में भेजा जा रहा है। इस गोरखधंधे में लगे अपराधी प्रवृत्ति के व्यापारी ₹56 में आधा किलो मिलने वाले सर्फ एक्सल को ₹18 में खरीद कर ओरिजिनल रैपर लगाकर उसे ब्रांडेड कंपनी के एमआरपी रेट ₹56 में आधा किलो की दर पर बेचा जा रहा है। जबकि इस कंपनी का सर्फ एक्सल खरीदने वाले एजेंट एजेंटों को केवल दो से तीन पर्सेंट का कमीशन ही बतौर मुनाफा मिलता है। जबकि नकली माल बेचने वाले कलाकार आधा किलो नकली सर्फ एक्सल का पैकेट ₹18 में खरीद कर उसे ₹56 में बेच रहे हैं। इसी तरह शातिर व्यापारियों के द्वारा नकली हार्पिक का आधा लीटर ₹23 में खरीद कर ओरिजिनल पैकेट और रैपर लगाकर ₹85 में बेचा जा रहा है। कोलगेट कंपनी के ओरिजिनल पेस्ट की कीमत ₹100 दर्जन बताई जा रही है।

जबकी नकली कोलगेट बेचने वाले ₹30 में खरीद कर ₹100 दर्जन में बेच रहे हैं। शैंपू मेघना बीड़ी लाइव बॉय साबुन, रिलैक्स अगरबत्ती मैगी, लक्स साबुन आयोडेक्स और नकली मैगी मसाला भी इसी तरह पानी के मोल सूरत से मंगा कर उसे ओरिजिनल कंपनी वाले पैकिंग और रैपर में एमआरपी रेट पर बेचकर 40 से 50 गुना मुनाफा कमाया जा रहा है।

हमारे जानकारों का कहना है कि व्यापार विहार समेत शहर में अनेक व्यापारियों को इस गोरखधंधे की जानकारी है। और नकली सामान बेचने वाले व्यापारी को बकायदा कम रेट और डुप्लीकेट सामान की जानकारी बताकर एमआरपी पर बेचकर मनमाना पैसा कमाने लालच देकर लाखों का सामान खफा रहे हैं। किसी भी कंपनी का नकली उत्पाद, असली पैकिंग रैपर के साथ लगा बेचना दंडनीय अपराध है। रायपुर से लेकर बिलासपुर और छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा में प्रशासन के एक वर्ग को इसकी पूरी जानकारी होने के बाद भी इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। वही व्यापारी संघ के कुछ पदाधिकारियों को भी इस गोरखधंधे की पूरी जानकारी है। लेकिन वे भी किसी पचड़े में पड़ने के डर से अथवा खुद भी इस नकली सामान की काली नदी में डुबकी लगाकर माल छान रहे हैं। इस तरह डुप्लीकेट और मिलावटी माल बेचने से ग्राहकों के साथ ही ओरिजिनल कंपनियों को भी लंबा नुकसान होता है। वही घटिया और डुप्लीकेट सामान बनाने वाले पता नहीं उसने ऐसे कौन-कौन से तत्व डालते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो। इतना सब होने के बाद भी संबंधित विभाग और पुलिस तथा खुद व्यापारी संघ के द्वारा भी इसके खिलाफ न तो आवाज उठाई जाती है और ना ही कोई कार्यवाही की जाती है। जिससे कई तरह के शक पैदा हो रहे हैं।

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