सीबीआई के एफ आई आर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के नाम…
(शशि कोन्हेर) : एक्साइज घोटाले मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुसीबत बढ़ती जा रही है. कई घंटों से उनके घर पर सीबीआई की छानबीन जा रही है. एक सरकारी अधिकारी के निवास पर भी रेड हुई है. वहां से जांच एजेंसी को एक्साइज ड्यूटी से जुड़े कुछ गोपनीय डॉक्यूमेंट हाथ लगे हैं. सीबीआई के मुताबिक ये डॉक्यूमेंट किसी भी सरकारी अधिकारी के घर पर नहीं होने चाहिए थे.
शराब घोटाले में मिले सीक्रेट डॉक्यूमेंट
जानकारी के लिए बता दें कि सुबह से ही मनीष सिसोदिया और कुछ दूसरे अधिकारियों के घर पर सीबीआई की रेड जारी है. कई घंटों की इस छापेमारी में कुछ दस्तावेज जमा किए गए हैं. ऐसे ही कुछ दस्तावेज एक सरकारी अधिकारी के आवास से भी मिले हैं. सीबीआई अभी ये नहीं बता रही है कि आखिर ये दस्तावेज कौन से अधिकारी के यहां से मिले हैं, लेकिन पूरी जांच में ये एक बड़ा डेवलपमेंट माना जा रहा है.
सिसोदिया बनाए गए मुख्य आरोपी
वैसे डॉक्यूमेंट के अलावा सीबीआई सिसोदिया की गाड़ी की भी तलाशी ले रही है. जांच एजेंसी को उम्मीद है कि डिप्टी सीएम की गाड़ी से भी कुछ जरूरी दस्तावेज मिल सकते हैं. इस पूरे मामले में सीबीआई ने जो FIR दर्ज की है, उसमें मुख्य आरोपी भी मनीष सिसोदिया को बना दिया गया है. कुल 15 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसमें टॉप पर सिसोदिया के नाम का जिक्र है.
यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर की थी. मनीष सिसोदिया पर नई एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी करने का आरोप है.
क्या है पूरा मामला?
मुख्य सचिव ने दो महीने पहले अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में GNCTD एक्ट 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 के नियमों का उल्लंघन पाया गया था. सिसोदिया पर आरोप तो ये भी लगा है कि कोरोना के बहाने लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई।
टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ किए गए. अभी के लिए मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी इन आरोपों को बेबुनियाद बता रही है. एक तरफ सिसोदिया खुद को कट्टर ईमानदार बता रहे हैं तो वहीं केजरीवाल और राघव चड्ढा दावा कर रहे हैं कि केंद्र उनकी सरकार की लोकप्रियता से डर गई है।