जिले के उसाड़ पंचायत में मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान की उड़ रही धज्जियां, 3 साल में भी…।
(उज्ज्वल तिवारी) : पेंड्रा – गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला में मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट गौठान की धज्जियां उड़ रही है। जहां वन विभाग के द्वारा बीते 3 साल में गौठान को पूरा नही कियॉ गया है। दरअसल पूरा मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही ब्लॉक के उसाड़ ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री के महिला शसक्तीकरण की सीढ़ी जो गौठान से शुरू होती है और जो फ़ूड पार्क में खत्म होती है का अता पता नही है। हालांकि कागजी कार्यवाही तो हुई है पर धरातल में यह गौठान अभी भी वीरान सा पड़ा है ग्रामीणों का कहना है कि गौठान को रेखांकित तो किया गया है पर यंहा ना ही शेड का निर्माण हुवा है और ना ही पशुओं के बैठने की व्यवस्था है पानी की व्यवस्था के नाम पर मात्र बोर है सोलर पैनल लगा है पर काम नही करता है।
दरअसल यह गौठान वन विभाग के द्वारा तैयार कराया जाना था जिसे स्थानीय फारेस्ट रेंजर ने पूरा होना बताया पर बीते सालों में यंहा सिर्फ गौठान की सीमा पर सी पी टी गड्ढे बनाकर रेखांकित कर दिया गया है इसमे हास्यपद यह भी सामने निकल कर आई कि बिना शेड बिना पानी बिना बाउंड्री के पंचायत ने प्रशासनिक दबाव में 15 सौ क्विंटन की गोबर खरीदी भी की इन सभी आभाव के बीच साडे 4 किवंतल खाद भी बेची अभी खरीदे गोबर की खाद बनाकर बेचना भी है अब उनके सामने समस्या यह है कि बिना शेड बिना पानी और बिना केचुआ के कैसे कम्पोस्ट या सुपर कम्पोस्ट बनाये हालांकि इस गौठान में एक महिला समूह जानकी महिला स्व सहायता समूह भी संचालित है जिसमे के सदस्य इन अभाव के बीच औऱ पिछला भुगतान नही होने के कारण काम नही करने का मन बना लिये है और इसी गौठान में मजदूरी करने की बात कह रहे है ग्राम के ही राज मिस्त्री दशरथ ने बताया कि वह इस जगह काम किये पर आज तक उनका भुगतान नही हुआ।
1 डॉ राहुल गौतम सीईओ जनपद पंचायत मरवाही
वन विभाग को गौठान पुर्णतः बनाकर हमे हैंड ओवर करना था जिसे अभी तक नही किया गया जिसके चलते वंहा गोबर खरीदी बन्द है इसे उचच अधिकारीयो को अवगत कराया गया हैं।
2 दरोगा सिंह मरावी वन परीक्षेत्र अधिकारी रेंजर मरवाही
गौठान बन गया होगा नहीं बना है तो इसकी जानकारी फारेस्ट गार्ड से लेता हूं।
3 प्रवीण राय सचिव ग्राम पंचायत उसाड़ मरवाही।
उसाड़ गौठान की स्थिति बहुत खराब है बन विभाग को इसका काम करवाना था पर बीते तीन सालों में ना तो बाउंड्री बनी ना ही पानी की व्यवस्था है ना ही शेड है इन सबके आभाव में केचुआ खाद नही बन सकता हमने जो काम कराया उसका भी पैसा विभाग नही दी।