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अग्निवीरों के लिए आयकर विभाग ने बदला फॉर्म..

आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म-1 में अहम बदलाव किया है, जिसका सीधा असर अग्निवारों पर होगा। फॉर्म में नया खंड धारा CCH को शामिल किया गया है, जिसके जरिए अग्निवीर अपने सेवा निधि कोष पर कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

विभाग के अनुसार, यह धारा उन व्यक्तियों को कर कटौती का लाभ उठाने की अनुमति देती है, जो अग्निपथ योजना में नामांकन करते हैं और 1 नवंबर 2022 को या उसके बाद अग्निवीर कोष में राशि जमा करते हैं। इस बदलाव को समायोजित करने के लिए ही आईटीआर फॉर्म-1 को अपडेट किया गया है ताकि करदाता को धारा 80सीसीएच के तहत कटौती के लिए पात्र राशि के बारे में डिस्क्रिप्शन प्रदान करने की अनुमति मिले।


धारा 80सीसीएच के तहत मिलने वाले कटौती की इजाजत नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्थाओं में होगी। यह इजाजत धारा 115बीएसी के तहत होगी। वित्त वर्ष 2023-24 और आगे के वित्त वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अग्निवीर धारा 80सीसीएच के तहत कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।


चार साल की सेवा पूरी होने पर अग्निवीर को स्कीम में जमा करीब 10.04 लाख रुपये की रकम और ब्याज मिलेगा। आयकर अधिनियम की धारा-10 में नया खंड जोड़ कॉर्पस फंड से मिलने वाली रकम को आयकर से राहत दी गई।

इसका मकसद अग्निवीर योजना-2022 के तहत नामांकित हुए व्यक्ति या उसके नॉमिनी को अग्निवीर सेवा निधि कोष से मिलने वाली रकम पर आयकर छूट प्राप्त होगी। इससे अग्निवीर सेवा निधि कोष को छूट-छूट-छूट (ईईई) का दर्जा मिल जाता है।


गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी।

इसके तहत नौजवानों को चार साल के लिए सेवा देनी होती है। अग्निवीरों को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए अग्निवीर कॉर्पस फंड बनाया गया है, जिसका प्रबंधन रक्षा मंत्रालय करता है। इसमें अग्निवीरों को अपनी मासिक कमाई का 30 फीसदी इस फंड में डालना अनिवार्य होता है।

केंद्र सरकार भी समान राशि का योगदान करती है। ब्‍याज सहित यह राशि परिवक्ता अवधि के दौरान लगभग 10.04 लाख रुपये हो जाती है। इसमें सरकार के योगदान को अग्निवीरों की आय मानी जाती है, जिस पर कर देय होता है।

योजना की शुरुआत में अग्निवीर कॉर्पस फंड में योगदान पर टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव था। इसके अलावा सेवा के आखिरी साल में मिलने वाले वित्त पैकेज में भी टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव था। बाद में इससे राहत दे दी गई।

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