कतर में मौत की सजा पाए पूर्व नौसैनिकों के लिए भारत ने दायर की अपील…..
कतर की एक अदालत द्वारा पिछले महीने आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद भारत की ओर से एक अपील दायर कर दी गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ये जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को उन आठ पूर्व नौसैनिकों तक दूसरी राजनयिक पहुंच मिल गई है
जिन्हें कतर की अदालत ने सात नवंबर को मौत की सजा सुनाई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारत इस मुद्दे पर कतर के अधिकारियों के संपर्क में है।
बागची ने कहा, “कतर की अदालत ने आठ भारतीय कर्मचारियों पर फैसला सुनाया है। फैसला गोपनीय है और इसे कानूनी टीम के साथ साझा किया गया है। इस संबंध में एक अपील दायर की गई है। हम कतर के अधिकारियों के भी संपर्क में हैं।
भारतीय अधिकारी उन आठ लोगों के परिवार के सदस्यों के भी संपर्क में हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही उनसे मुलाकात कर चुके हैं।” प्रवक्ता ने कहा कि भारत उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।
कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को अज्ञात आरोपों में भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी दोहा स्थित डहरा ग्लोबल के कर्मचारी थे और इन्हें जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। भारत ने फैसले को बेहद चौंकाने वाला बताया और इस मामले पर कतर के साथ बातचीत के लिए सभी राजनयिक चैनलों को एक्टिव किया है।
गिरफ्तार भारतीयों की पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश के रूप में हुई है। ये सभी भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं। मंत्रालय ने फैसले के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था, “हम मौत की सजा के फैसले से गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।”