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सोने का भंडार बढ़ाता जा रहा है भारत, कहीं कुछ बड़ा करने की तैयारी तो नहीं…! कहीं POK…!

(शशि कोन्हेर के साथ के. परितोष) : भारत जिस तरह रिजर्व बैंक के जरिए सोने के अपने रिजर्व भंडार को बढ़ाता जा रहा है उसे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में वह कुछ बड़ा करने जा रहा है। इस समय भारत सोने के कुल भंडारण के मामले में विश्व में दसवे से नौवें स्थान पर आ चुका है। जबकि पाकिस्तान इस मामले में 45 व स्थान पर है।

गोल्ड भंडार या गोल्ड रिजर्व किसी देश केंद्रीय बैंक के पास रखा गया सोने का भंडार है जो संकट अथवा सुरक्षा के समय खर्च किया जाता है। भारत में रिजर्व बैंक सोने की खरीदी करता है और इसे जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था में किसी तक आने में रखा जाता है। आमतौर पर आर्थिक क्षेत्र में किसी भी देश की मजबूती इसी बात से आती जाती है कि उसका गोल्ड रिजर्व कितना है। भारत की इस उपलब्धि को इसी एक बात से आंका जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री चंद्रशेखर की कांग्रेस समर्थित काम चलाऊ या केयरटेकर सरकार के समय देश पूरी तरह दिवालिया होने की स्थिति में आ गया था।

तब रिजर्व बैंक ने उनकी अनुमति से 47 टन सोना विदेश में गिरवी रखकर अपना कर्ज चुकाया था। तब और अब के हालात में बहुत परिवर्तन आ गया है। भारत में ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से लगातार खरीदी कर ना केवल अपना सोने का भंडार बढ़ाता जा रहा है वरन डालर पर अपनी निर्भरता भी कम करता जा रहा है। दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार भारत के पास अब 785 टन सोने का भंडार है। पहले डालर पर भारत की निर्भरता 73% थी। जो अब कम होकर 47% रह गई है। भारत इसे और भी कम करो 30 से 37% तक लाना चाहता है।

दरअसल भारत को पाक अधिकृत कश्मीर को अपने कब्जे में वापस लेने समेत अनेक ऐसे काम करने हैं जब अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस अथवा रूस जैसे देश भारत को दबाव में लेने के लिए तरह तरह के षड्यंत्र कर सकते हैं। ठीक वैसे ही आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं जैसे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई के द्वारा परमाणु बम का विस्फोट किए जाने के बाद लगाए गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि सोने के भंडार आने में यह बढ़ोतरी ऐसे ही किसी संकट के समय देश के ऐसे किसी भी प्रतिबंधों से बेपरवाह होकर तनकर पूरी आत्मनिर्भरता के साथ खड़े रहने की पूर्व तैयारी है। यह ठीक है कि इस बारे में अभी भी अधिकृत रूप से सरकार कुछ भी बताना तो दूर इस बाबत सवाल पूछना भी पसंद नहीं करती।

लेकिन जानकारों का अनुमान है कि गोल्ड भंडार देश को इतनी मजबूती देने के लिए बढ़ाए जा रहे हैं जिससे समय आने पर अमेरिका इंग्लैंड और फ्रांस रूस समेत कोई भी पश्चिमी देश और चीन भी भारत को आर्थिक प्रतिबंधों के नाम पर ब्लैकमेल ना कर पाए।

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