एकलव्य विद्यालयों में सामग्री की खरीदी में अनियमितता, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकऑउट
(शशि कोन्हेर) : रायपुर। राजनांदगांव और मोहला मानपुर के एकलव्य विद्यालयों में सामग्री की खरीदी में अनियमितता के मामले पर मंगलवार को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। आदिमजाति विकास मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माना कि अनियमितता हुई है और नियमों का पालन नहीं किया गया। इस पूरे मामले में दो प्राचार्य और एक अन्य अफसर के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। मंत्री के जवाब से विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन से वॉकऑउट कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान धरम लाल कौशिक ने आत्मसात किए गए जनघोषणा-पत्र 2018 में क्या बंद स्कूलों को प्रारंभ करने की घोषणा भी की गई थी? प्रदेश में जनवरी 2019 से 31.1.2023 तक कितने नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है? इसमें कितने शिक्षक कार्यरत हैं तथा कितने बंद स्कूलों को चालू करने की योजना है? आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि प्रश्नाधीन अवधि में 275 बंद स्कूलों को प्रारंभ किया गया है तथा इनमें 185 शिक्षक कार्यरत हैं। वर्तमान में कोई योजना नहीं है। भाजपा सदस्य डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी के सवाल के जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री ने बताया कि विभाग में वर्ष 2020-21, 2022-23, और 31 जनवरी 2023 तक कुल 9 करोड़ 17 लाख से अधिक राशि स्वीकृत की गई थी। उन्होंने माना कि स्वीकृत राशि के अंतर्गत हुई खरीदी में वित्त विभाग के निर्देश, भंडार क्रय नियमों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच कमेटी गठित की गई थी, और दोषियों में एक नरेन्द्र मारिया प्राचार्य की अब मृत्यु हो चुकी है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती। जबकि बाद के प्राचार्य संगीता राबिंस, और सहायक आयुक्त छबिलाल चंद्रवंशी के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है।
भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने पर जोर दिया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल जवाब पर असहमति जाहिर की, और स्पीकर से आग्रह किया कि मंत्रियों को तैयारी से आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मंत्री ने स्वीकार किया है कि गड़बड़ी हुई है। ऐसे में दोषियों को निलंबित कर एफआईआर किया जाना चाहिए। इस पर मंत्री ने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया।