छत्तीसगढ़

क्या अब ननकीराम कंवर की उपेक्षा कर रही है भाजपा, मिलने वालों की सूची में नाम नहीं होने से भीतर जाने नहीं दिया वही बस्तर से भंजदेव ससम्मान भीतर गए

(शशि कोन्हेर) : रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में लगातार आदिवासी नेताओं की उपेक्षा बदस्तूर जारी है। पहले नंद कुमार साय फिर विष्णुदेव साय और अब क्या ननकीराम कंवर भी शीर्ष नेतृत्व की उपेक्षा और अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। विष्णुदेव साय को आदिवासी दिवस के दिन ही प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर उनकी उपेक्षा की गयी थी।‌ तो वहीं लगातार उपेक्षा के कारण नंदकुमार साय ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस प्रवेश कर लिया है। चर्चा है कि केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने के लिए प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर भी वहां जा पहुंचे। लेकिन मिलने वालों की सूची में उनका नाम नहीं होने से सुरक्षा स्टाफ के द्वारा उन्हें मना कर दिया गया। जबकि बस्तर राजपरिवार के श्री भंजदेव को भीतर जाए दिया गया। इससे मर्माहत श्री कंवर के समर्थक भी दुखी होने लगे हैं।

ज्ञात हो कि भाजपा में इन दिनों शीर्ष नेतृत्व में आदिवासी नेताओं को लेकर सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा प्रदेश के आदिवासी नेताओं को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का रवैया भी उन्हें लगातार चुभने लगा है। लगातार उपेक्षा और अनदेखी का घूंट पीने के कारण दम घुटने की वजह से भाजपा छोड़ने का बात भी नंदकुमार साय कह चुके हैं।उनकी बातों को सविस्तार शनिवार और रविवार को राजधानी में देखने को भी मिला। जब भाजपा के दिग्गज और आदिवासी नेता ननकीराम कंवर केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह से मिलने जद्दोहजद करते नजर आए।सूत्रों के हवाले से आई पुष्ट खबरों के अनुसार शनिवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के रायपुर आगमन पर आदिवासी नेता ननकीराम कंवर मिलने पहुंचे।

राजधानी की मीडिया में चर्चा है कि यहां गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें पहले तो अंदर जाने से रोका फिर उसके बाद श्री नेताम के निवेदन और बार बार आग्रह के बाद सुरक्षा कर्मियों द्वारा अंदर सूचना भेजने पर भी मिलने का समय नहीं प्राप्त होने से श्री नेताम को बाहर से ही वापस लौटना पड़ा।अमित शाह की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने यह कह कर राम विचार नेताम को वहां से हटा दिया कि आप जो भी हों मंत्री जी से मिलने वालौं के प्रोटोकॉल में नाम आने के बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जाएगा। जब भी इसी दौरान जबकि इसी दौरान बस्तर राजपरिवार के श्री भंजदेव को सुरक्षाकर्मी बाकायदा भीतर ले गए।

भाजपा एक तरफ तो खुद को आदिवासियों की हितैषी बता रही है। वही आदिवासी नेताओं के साथ अगर ऐसा बर्ताव हो रहा है तो इसका जनमानस में अच्छा असर तो नहीं ही पहुंचेगा। ‌। इस घटना की चर्चा में आने के बाद कांग्रेस ने घटना पर तंज कसा है।राजीव भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना का जिक्र करते हुवे भाजपा पर आदिवासी नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुवे ननकीराम कंवर को अमित शाह से मिलने नहीं देने वाली घटना का सामूहिक जिक्र कर खबर पर मुहर भी लगायी है।

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