मस्जिद-मदरसा के लिए तआवुन रुपए किसी दूसरे मद में इस्तेमाल करना शरीयत के खिलाफ… अकबर बक्शी
बिलासपुर – सीपत के पास दरगाह लूतरा शरीफ के संचालन को लेकर मुस्लिम समाज के दो गुटों के बीच मामला न्यायालय में चल रहा है। वर्तमान में इस वक्फ संपत्ति के प्रभारी एसडीएम मस्तूरी हैं। दरगाह की पूर्व इंतेजामिया कमेटी ने सफाई दी है की उनके पास मस्जिद और मदरसा का जो पैसा है उसे अलग ही रखा जा सकता है। इंतेजामिया कमेटी के बैंक अकाउंट में इसे डालना शरीयत के खिलाफ है।
गुरुवार को प्रेस क्लब में पहुंच कर लुतरा शरीफ की पूर्व इंतेजामिया कमेटी ने सफाई दी की वर्तमान में दरगाह के संचालन की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड के निर्देश के बाद एसडीएम मस्तूरी पंकज डाहीरे संभाल रहे हैं।पूर्व में उनके कार्यकाल का जो उनके पास हिसाब किताब है उसमें से इन्तेजामिया कमेटी का हिसाब एसडीएम को दिया जा चुका है। मगर मस्जिद और मदरसा के चंदे को इंतेजामिया कमेटी के एकाउंट में नही डाला जा सकता।क्योंकि ये शरीयत के खिलाफ है। मस्जिद और मदरसा के रुपयों को किसी दूसरे खातों में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता इसीलिए उन्होंने इसके लिए वक्फ बोर्ड से मार्गदर्शन मांगा है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए दरगाह इंतेजामिया कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अकबर बक्शी ने कहा की एसडीएम के पास मात्र इंतेजामिया कमेटी का ही एकाउंट है। मस्जिद और मदरसा के एकाउंट नही होने के कारण ही राशि उन्होंने अपने पास सुरक्षित रखा है।उन्होंने कहा कि दरगाह लूतरा शरीफ के संचालन के लिए वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा गया है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि मोहम्मद खान उर्फ दरोगा गोटिया जो खमरिया मस्जिद जमात के सदर हैं उन्हें ही दरगाह के संचालन की जिम्मेदारी दी जाए। अकबर बक्शी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अखलाक खान की कमेटी पर आरोप लगाया की बिना नियम कायदे के कमेटी का संचालन किया जा रहा था जिसके खिलाफ शिकायत के बाद राज्य वक्फ बोर्ड ने उन्हें हटाकर 3 साल के लिए अकबर बक्शी यानी उनकी अध्यक्षता में एक नई कमेटी का गठन किया था जिसका कार्यकाल अब खत्म हो चुका है। मालूम हो कि वक्फ बोर्ड के निर्देश के बाद अब लूतरा शरीफ दरगाह का संचालन प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। जिसमे अकबर बक्शी की कमेटी पर राशि वापस नही किये जाने का आरोप लगा है।पत्रकार वार्ता के दौरान अकबर बक्शी के साथ मोहम्मद खान उर्फ दरोगा गौंटिया,आदम मेमन,शौकत अली,इस्माइल खान,महफूज अली,हमीद अली के अलावा क्षेत्र के समाज के अन्य लोग मौजूद रहे।