दूसरे दिन भी हुई जमकर रंग गुलाल की बारीश
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+(सरगुजा) रंगोत्सव होली के पहले दिन की खुमार उतरी नहीं दूसरे दिन गुरुवार को भी क्षेत्र में जमकर रंग गुलाल की बारीश हुई लोग पहले दिन की बची सारी कसर अपने इष्ट मित्रों को रंग गुलाल लगाकर निकाली। ग्रामीण अंचलों में बुढुवा फागुन के नाम डीजे साउण्ड सिस्टम पर थिरकते हुए जमकर होली का जश्न मनाया।
रंगों का त्योहार होली मनाने में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं नवयुवतियां अपने सखी सहेलियों के संग होली खेली तथा उम्र दराज महिलाओं ने भी अपने हमजोली महिलाओं को रंग गुलाल लगाये । गली मुहल्ले चौक चौराहों पर हर तरफ डीजे साउण्ड सिस्टम की धुन बजते रहे । ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में डीजे स्वर लहरी पर युवाओं
के मस्त टोली फाग गीतों पर लुत्फोअदोज होते रहे।
नवयुवक दुनिया दारी से बेखबर होली के उन्माद में डुबे रहे।
होली का त्योहार दूर वनांचल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में तकरीबन सप्ताह भर तक मनाया जाता है। फागुन का असर ग्रामीण अंचल के बसाहटो में नज़र आया। जहां होली पर कच्ची महुआ शराब एवं चावल से बनी हंडिया पीने पिलाने का दौर चलता है। वहीं मुर्गा, बकरा भोजन व्यंजन खाने खिलाने का रिवाज आज भी जिंदा है। मांदर ढोल नगाड़ों के थाप पर नृत्य करते हुए अपने तरीके से फागुन मनाते हैं। गांव देहात के बस्तियों में फागुन मनाने के अपने अलग अंदाज है।
पुराने
लोक रीति को बरकरार रखते हुए दूसरे दिन भी बुढुवा होली मनाने सारा आलम डुबा रहा। सरकारी दफ्तरों में भी होली खेली गई।
छिटपुट छोटी घटनाओं को छोड़कर किसी गंभीर घटना की खबर नहीं रही। स्कूलों में चल रहे बोर्ड परिक्षा के मद्देनजर पुलिस गस्ती दस्ता ने समय सीमा के भीतर डीजे साउण्ड सिस्टम पर पहरा लगा दिया। शांति ढंग से बुढुवा होली खेली गई। कुछ मारपीट छोटी मोटी सड़क हादसा होने की चर्चा रही।