देश

जयपुर बम ब्लास्ट का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, गहलोत सरकार ने HC के फैसले को दी चुनौती

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान के जयपुर में 13 मई 2008 को हुए बम ब्लास्ट केस में गहलोत ने सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका पेश कर दी है। एसएलपी में सैफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद सलमान की फांसी  की सजा रद्द कर उन्हे दोषमुक्त करने के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च के आदेश को चुनौती दी है।

उल्लेखनीय है कि 13 मई, 2008 को दिल्ली जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत होने के साथ ही 185 लोग घायल हुए थे। जयपुर जिला विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर,2019 को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ चारों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने तीन दिन पहले फांसी की सजा पलटते हुए चारों को पुख्ता सबूत नहीं होने पर बरी कर दिया था।

पीएम मोदी ने गहलोत को निशाने पर लिया

पीएम मोदी ने आज अपने राजस्थान दौरे के दौरान जयपुर में सिलसिलेवार हुए बम ब्लास्ट मामले में आतंकियों को रिहा होने पर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया था। माउंट आबू में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कमजोर पैरवी के कारण आतंकी रिहा हो गए। गहलोत सरकार ने दोषियों को बचाने का काम किया है।

पीएम मोदी की आलोचना के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है और एसएलपी दायर कर दी। हालांकि, सीएम गहलोत ने आतंकियों को रिहा होने पर राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी। गहलोत सरकार ने इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त कर दी है। 

पीड़ित परिवार भी कर चुके हैं एसएलपी दायर

हाई कोर्ट की ओर से आतंकियों को बरी किए जाने के 17 दिन बाद पीड़ित परिवारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की गई। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया कि राज्य सरकार की कमजोर पैरवी करने की वजह से आतंकियों की रिहाई हो गई। सीरियल बम ब्लास्ट में जयपुर के 80 बेगुनाहों की मौत हो गई थी। उन आतंकियों को सजा दिलाने के लिए इस याचिका की सुनवाई की जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button