देश

आप छोड़ते ही भाजपा में शामिल हुए कैलाश गहलोत….

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी और दिल्ली सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैलाश गहलोत आज बीजेपी में शामिल हो गए हैं। सोमवार सुबह बीजेपी कार्यलाय पहुंचकर उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की अध्यक्षता में बीजेपी की सदस्यता हासिल की।

बीजेपी में शामलि होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा कि उन्होंने यह फैसला किसी के दबाव में नहीं लिया। जिस किसी को भी यह लग रहा है कि उन्होंने पार्टी किसी दबाव में छोड़ी है तो मैंने आज तक किसी के दबाव में कोई काम नहीं किया।

उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता मैंने ली है। मैं कह सकता हूं कि मेरे लिए यह कोई आसान कदम नहीं था। अन्ना जी के दौर से हम पार्टी से जुड़े। लगातार दिल्लीवासियों के लिए काम करते रहे। सही पूछें तो कुछ लोग सोचते होंगे कि रातों रात कुछ हो गया या मैंने कोई दबाव में काम लिया। मैं कहना चाहता हूं कि मैंने आज तक किसी के दबाव में कोई काम नहीं किया। राजनीतिक जीवन में लगातार 2015 से पार्टी में रहकर दबाव में आकर मैंने कोई काम नहीं किया। मुझे सुनने में आ रहा है कि ऐसा नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है। यह कोई एक दिन का फैसला नहीं है।

उन्होंने कहा, वकालत छोड़कर मैं आप में शामिल हुआ। लोगों ने नौकरी छोड़ दी। एक विचारधारा से जुड़े। एक व्यक्ति में लोगों को उम्मीद दिखी थी। मैं दिल्लीवालों की सेवा की मकसद से राजनीति में आया था। लेकिन जब अपनी आंखों के सामने, जिन मूल्यों की वजह से हम आम आदमी पार्टी में आए, और उससे समझौता देखा तो पीड़ा हुई। यह शब्द मेरे हैं, लेकिन इसके पीछे लाखों कार्यकर्ताओं की आवाज है कि जिस मकसद से आए थे अब वह नहीं हो रहा है। आम आदमी से सब खास हो गए। मैंने क्यों पार्टी छोड़ी यह अपने लेटर में भी बताया है। लेकिन इतना कह सकता हूं कि कोई सरकार यदि लगातार केंद्र सरकार के साथ लड़ाई में निकालेगी तो दिल्ली का विकास नहीं होगा। मेरा जितना समय एक मंत्री के तौर पर निकला, मुख्य तौर पर मुझे परिवहन मंत्री के तौर पर ही जाना जाता है, हमारा मकसद दिल्लीवालों के लिए काम करना था। जितने भी लोग आम आदमी पार्टी से जुड़े उनका मकसद अपना स्वार्थ नहीं था। अगर दिल्ली का विकास वाकई हो सकता है तो केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हो सकता है।

इससे पहले कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि लोगों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में पीछे छूट गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने त्यागपत्र में गहलोत ने कहा था लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं।

Related Articles

Back to top button