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जानिए कौन हैं नए चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार…. तीन तलाक से लेकर राम मंदिर के फैसलों में निभाई अहम भूमिका


लोकसभा चुनाव से पहले सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। गुरुवार दोपहर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी भी निर्वाचन आयुक्त के चयन से संबंधित समिति का हिस्सा हैं। चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए ज्ञानेश मूल रूप से ताजनगरी आगरा के रहने वाले हैं। उनके परिवार में कई पीढ़ियों से लोग डॉक्टर बनते आ रहे थे। ज्ञानेश कुमार ने कुछ अलग राह चुनी। दसवीं और बारहवीं में यूपी बोर्ड से पढ़ाई करने के बाद रुख इंजीनियरिंग का किया। आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर रुख किया सिविल सर्विसेज का।


देश के नए चुनाव आयुक्त बने ज्ञानेश कुमार गुप्ता चिकित्सकों के परिवार से आते हैं। विजय नगर कॉलोनी के रहने वाले ज्ञानेश कुमार गुप्ता में देश पिछले कुछ सालों में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे हैं। चाहे वह कश्मीर से 370 को हटाना हो या फिर तीन तलाक पर फैसला लेना और राम मंदिर के निर्माण में भूमिका निभाना। ज्ञानेश कुमार गुप्ता के पिता रिटायर्ड सीएमओ हैं और अभी श्री राम सेंटेनियल स्कूल के संचालक हैं। इनकी मां का नाम सत्यवती है।


डॉ. सुबोध गुप्ता बताते हैं कि परिवार में चिकित्सा के गहरा नाता था। ऐसे में मैनें और ज्ञानेश कुमार की माता सुनीता गुप्ता ने कुछ अलग राह पर बेटे को चलाने का फैसला लिया। ज्ञानेश का रुख भी इसी ओर था। बचपन से ही मेधावी ज्ञानेश कुमार ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में टॉप किया। इसके बाद आईआईटी में प्रवेश के लिए परीक्षा दी और कानपुर आईआईटी में प्रवेश मिल गया। यहां से पढ़ाई के बाद फिर से विचार किया गया कि अब आगे क्या करना है। ऐसे में सभी का फैसला था कि सिविल सिर्विसेज में जाना चाहिए। प्रभु की कृपा रही और ज्ञानेश कुमार का सलेक्शन हो गया। इसके बाद आईएएस के रूप में केलर कैडर मिला और वहां पर विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी का निर्वहन किया। इसके बाद केंद्र सरकार में नियुक्ति पर आए। उनके अनुसार 1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार 370 को हटाने के दौश्रान केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह संसदीय मामलों के मंत्रालय के सचिव रहे। इसके बाद उन्हें सहकारिता मंत्रालय का सचिव नियुक्त किया गया। 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के डेढ़ महीने बाद ही बड़ी संवैधानिक जिम्मेदारी मिल गयी।

विजय नगर कॉलोनी स्थित डॉ. सुबोध गुप्ता के निवास पर गुरुवार दोपहर को बधाई देने वालों की कतार लग गयी। शहर के बेटे को केंद्रीय चुनाव आयुक्त बनने पर बड़ी संख्या में लोग बधाई देने के लिए पहुंचे। इस दौरान डॉ. सुबोध गुप्ता ने कहा कि यह सब प्रभु की इच्छा से हुआ है। ज्ञानेश कुमार को अभी तक जो भी जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कुशलतापूर्वक पूरी की है।

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