जानें, वहां क्यों भडके हैं नंद कुमार साय के खिलाफ उनके ही अपने गांव के लोग…जगन्नाथ मंदिर निर्माण पर रोक के खिलाफ तपकरा बंद और अपना पुतला दहन करने पर क्या बोले नंद कुमार साय..?
(शशि कोन्हेर) : सोमवार को जशपुर जिले के तपकरा में कांग्रेस नेता नंदकुमार साय के विरोध में किये गए प्रदर्शन ,चक्का जाम और नंदकुमार साय का पुतला दहन किये जाने के बाद कांग्रेस नेता नंदकुमार साय का बड़ा बयान आया है।
उन्होंने कहा है कि उन्होने तपकरा में भगवान जगन्नाथ का मंदिर बनने का कभी विरोध नहीं किया। बल्कि उनकी जमीन के पास भगवान जग्गनाथ का मंदिर स्थापित होना उनका शौभाग्य होगा। लेकिन उनकी जमीन पर जबरन तोड़ फोड़ करना ,घेरा तोड़ना और उनकी पत्नि के साथ दुर्व्यवहार करना बेहद ही निन्दनीय कृत्य है। उन्होंने कहा है कि इससे भी बड़ा गम्भीर विषय यह है कि उनकी पत्नि के साथ किये गए दुर्व्यवहार की शिकायत होने के बाद पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई
दरअसल तपकारा में ग्रामीण जिस स्थान पर भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा स्थापित कर देती गाना चाहते हैं वह जगह नंदकुमार साय की पत्नी के नाम वाली जमीन से लगी हुई है। उनकी पत्नी ने मंदिर का निर्माण उनकी जमीन पर करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से उस पर रोक लगाने का आवेदन दिया है, जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी है।
इसे लेकर ही तब कराने वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय और उनके परिवार के खिलाफ जमकर गुस्सा भड़का हुआ है। और इससे गुस्साए लोगों ने ही सफल तपकरा बंद और चक्का जाम के साथ ही नंद कुमार सहाय का पुतला दहन किया था।
मामले में अपनी सफाई देते हुए नंद कुमार सहाय ने कहा की 3 साल पहले राजस्व विभाग के द्वारा उनकी जमीन का सीमांकन किया गया थाऔर सीमांकन किये जाने के बाद ही उनके द्वारा जमीन में घेरा लगाया गया था। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा धर्म की आड़ में उनकी छवि खराब किये जाने की कोशिश की जा रही है।
उनका पुतला जलाकर उन्हें राजनीतिक तौर पर नीचा दिखाने का काम किया जा रहा है।
साय का कहना है कि बीते माह राजस्व विभाग के द्वारा उक्त जमीन का सीमांकन किया गया था लेकिन उन्हें या उनके परिवार को सीमांकन की सूचना नहीं दी गयी ।
उनके ग़ैरमौजूदगी में सीमांकन कर दिया गया।आज जो परिस्थितियां निर्मित हुई है उसका जिम्मेदार राजस्व विभाग है।
आखिरी में उन्होंने कहा कि ग्रामीण मंदिर बनाये मेरा कोई विरोध नही है। बल्कि मैं मंदिर के लिए खुद की जमीन दान पत्र में दे दूंगा और शासन से भवन भी स्वीकृत करवा दूंगा। लेकिन हर काम का एक शिष्टाचार होता है। जिसका कुछ लोगों के द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है ।
आपको फिर बता दें कि तपकरा थाने के ठीक सामने ग्रामीणों के द्वारा जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है । लेकिन उक्त जमीन के आस पास निजी जमीन होने के कारण विबाद शुरू हो गया। विवाद के बाद प्रशासन के द्वारा मंदिर निर्माण का काम रोक दिया गया । ग्रामीणों का आरोप है कि नंदकुमार साय के इशारे पर प्रशासन ने मंदिर निर्माण में रोक लगा रही है।इसी मुद्दे को लेकर तपकरा में स्टेट हाईवे को 8 घण्टे तक जाम कर दिया गया और नंदकुमार साय के पुतले फूंके गए।