अम्बिकापुर

देवी मंदिर में हाजरी लगाने प्रति दिन पहुंच रहे लखनपुर राजपरिवार…..


(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर- (सरगुजा) रियासत कालीन परम्परा को कायम रखते हुए लखनपुर राजघराने के सदस्य प्रतिदिन महामाया मंदिर में हाजरी लगाने पहुंच रहे हैं। नगर ही नहीं अपितु आसपास ग्रामीण अंचल शक्ति के भक्ति में डूबा हुआ है । शारदीय नवरात्र के मौके पर माता भक्त देवी दरबार पहुंच पूजा अर्चना करते नजर आ रहे । दिन -प्रति -दिन देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। लखनपुर राजपरिवार पूर्वजों के बनाये रिति अनुसार पूरे श्रद्धा भक्ति के साथ देवी मां के पूजा अर्चना करने मा महामाया मंदिर प्रतिदिन पहुंचने लगे हैं। प्रथानुसार अश्विनी क्वार के प्रतिपदा तिथि से लेकर नौवमी तिथि तक राजपरिवार के कुंवर अमीत सिंह देव द्वारा अपने कुल देवी की पूजा अर्चना करने की रस्म विधिविधान से पूरी की जा रही है। साथ राजपरिवार के सदस्यों की हाजरी भी माता दरबार में लग रही है। छठवीं तिथि दिन शनिवार को राजपरिवार के वर्तमान लालबहादुर अजीत प्रताप सिंह देव, लाल रणजीतप्रसाद सिंहदेव, इन्द्रजीत प्रसाद सिहदेव विक्रमादित्य सिंह देव, उदय प्रताप सिंह देव कुंवर विरेन्द्र सिंह देव ने अपने कुल पूज्य देवी के दर्शन पूजन किये। देवी मंदिर के पंडित पुजारियों ने राजपरिवार सदस्यों को वैदिक मंत्रोंचार के साथ पूजा अनुष्ठान कराया। सबकी खुशहाली की कामना करते हुए राजपरिवार ने आदिशक्ति मां महामाया के पूजा अर्चना किये। इस दौरान नगर के प्राचीन देवी मंदिर में माता भक्तों ने हाजरी लगाया पूजा करने वाले माता भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने माता रानी के चौखट पर मत्था टेक सिंह वाहिनी के आशिर्वाद प्राप्त किये। काबिले गौर है कि रियासत काल में केवल लखनपुर मुख्यालय में दुर्गा पूजा मनाये जाने की चलन थी तथा एक रोज़ बाद विजयादशमी मनाईं जाती थी प्रथा आज भी जिंदा है। कालांतर में लखनपुर क्षेत्र के गांवों में दुर्गा पूजा मनाया जाने लगा है। दुर्गा मंडपो में जहां भक्ति गीत संगीत का कार्यक्रम जगराता किर्तन भजन का आयोजन कराये जा रहे हैं वहीं समिति सदस्यों द्वारा भंडारे का आयोजन कर भक्तों को नित नये बने व्यंजन के प्रसाद वितरित किए जा रहे हैं । बहरहाल चारों तरफ़ आदि शक्ति देवी माता की कृपा बरसने लगी है। शारदीय नवरात्र के मौके पर धरती ही नहीं गगन में भी मातारानी की जयकारा गूंजने लगा है।

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