कनव की तरह एक साल के भूदेव को है 18 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत, नहीं तो चली जाएगी मासूम की जान
(शशि कोन्हेर) : स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, यह एक न्यूरो मस्कुलर डिसऑर्डर है. इससे पीड़ित बच्चा धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है और चलने-फिरने में असमर्थ हो जाता है. क्योंकि वह मांसपेशियों की गतिविधियों पर अपना काबू खो देता है.
बीते दिनों दिल्ली के रहने वाले दंपत्ति के डेढ़ साल के बेटे कनव के लिए स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी रोग से बचाने वाला जोलगेनेस्मा इंजेक्शन मंगाया गया था. इस इंजेक्शन की कीमत 18 करोड़ रुपए के करीब है.
कनव को यह इंजेक्शन दे दिया गया है. उसकी हालत में पहले से सुधार है. हाथों में मूवमेंट आ गया है. डॉक्टरों का कहना है कि धीरे-धीरे कनव के पैरों में जान आने लगेगी.
अब स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी रोग का एक और केस यूपी से सामने आया है. सहारनपुर जनपद के खजूर वाला गांंव में रहने वाला एक साल का भूदेव शर्मा इन जानलेवा बीमारी से पीड़ित है.
परिवार के मुताबिक, भूदेव बीमारी की जिस स्टेज में है उसके चलते बेटे के पास जीवित रहने के लिए मात्र चार-पांच महीने का समय ही बचा हुआ है. यदि इस दौरान बेटे को जोलगेनेस्मा इंजेक्शन नहीं दिया गया तो उसकी जान जान सकती है.
साढ़े 17 करोड़ कीमत का लगना है इंजेक्शन
गांव के नागल ब्लॉक में रहने वाले परिवार ने बताया कि भूदेव जेनेटिक बीमारी एसएमए टाइप 1 से पीड़ित है. इस बीमारी में बच्चों की मांसपेशियों की ग्रोथ नहीं हो पाती है और धीरे-धीरे शरीर के सभी अंग काम करना बंद कर देते हैं. परिवार ने बताया कि भारत में इस बीमारी का अभी कोई इलाज नहीं है.
एम्स दिल्ली और ऋषिकेश के डॉक्टरों को दिखाया था. उन लोगों ने जोलगेनेस्मा इंजेक्शन जो कि अमेरिका से आता है रिकमेंड किया है. परिवार ने बताया कि इस इंजेक्शन की कीमत साढ़े 17 करोड रुपए है. वहीं, भूदेव के पिता एक साधारण किसान हैं.