परसापानी में 45 लोगो का मलेरिया जांच एक पॉजिटिव, गांव में सर्वे कराने सीएमएचओ शुक्ला खुद पहुंचे
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। कोटा क्षेत्र के ग्राम पंचायत उमरिया के आश्रित ग्राम परसा पानी में शुक्रवार को मलेरिया के चार मरीज मिले थे जिसमें 18 वर्षीय एक युवक की मौत हो गई है। शनिवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश शुक्ला मलेरिया विभाग के समस्त अधिकारी कर्मचारियों को लेकर के परसा पानी गांव पहुंचे। जहां सभी घरों का सर्वे कराया गया।
45 लोगों का रक्त पट्टिका से मलेरिया का जांच हुआ जिसमें एक का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। सीएमएचओ डॉ शुक्ला ने बताया कि मलेरिया पॉजिटिव को घर में ही रखकर दवाई दी गई है। गांव में कैंप भी लगाया गया है। गांव में कुल 18 घर हैं, जिसकी कुल आबादी 97 है। सभी घरों में सर्वे के साथ ही स्प्रे भी कराया गया है। हाल ही में जुलाई महीने में सभी घरों में दो-दो मच्छरदानी यों का भी वितरण किया गया था।
मलेरिया के मामले सामने आने के बाद अब पूरे गांव में स्प्रे कराया गया है। लोगों को मलेरिया से बचाव के तरीके भी बताए गए हैं। इस दौरान डीईओ डॉ मनोज सेमुअल, डीपीएम प्यूली मजूमदार, बीपीएम श्वेता सिंह, कृष्ण कुमारी, नौसाद अहमद, सहित मलेरिया विभाग और समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा के स्टाफ मौजूद रहे।
5 लोगों का सीएससी रतनपुर में चल रहा इलाज
सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने बताया कि परसा पानी गांव के तीन और कूपा बांधा के दो मलेरिया पॉजिटिव मरीज को उपचार के लिए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है जहां मरीजों का उपचार डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है। सभी मरीज ठीक हैं जल्द ही इन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। परसा पानी में डॉक्टरों की ड्यूटी लगा कर शिविर लगाई गई है।
प्रतिदिन रिपोर्टिंग और मुख्यालय में रहने के निर्देश
सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला ने कोटा ब्लॉक के समस्त वर्करों से कहा कि मुख्यालय में रहकर ही कार्य करें समस्त गांव का सर्वे करते रहे प्रतिदिन सीएमएचओ कार्यालय में इसकी रिपोर्टिंग भी करें इसके साथ ही सीएमएचओ डॉ शुक्ला रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां मलेरिया पीड़ितों से चर्चा करते हुए उनकी हालचाल जाना साथ ही सीएससी प्रभारी डॉ अविनाश सिंह बेहतर उपचार के निर्देश दिए।
मलेरिया के साथ डायरिया से भी बचाव के लिए लोगों को किया जागरूक
सीएमएचओ डॉ शुक्ला और अफसरों ने गांव में सर्वे के दौरान लोगों को मलेरिया के साथ ही डायरिया से भी बचाव के लिए जागरूक किया। बासी भोजन ना करने की सलाह दी, पानी उबालकर पीने को कहा, क्लोरीन की दवा भाटी साथ ही गांव में शिविर लगाकर 77 लोगों की जांच भी की है।