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मंदिर से ढाई हजार लोगों को बाहर सुरक्षित निकालने वाली ममता सिंह बनी पुलिस के हौसले की नजीर….


(शशि कोन्हेर) : हरियाणा के नूंह में बृजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा ने चार लोगों की जान ले ली है, जबकि करीब 50 लोग जख्मी हुए हैं। 100 से अधिक गाड़ियों को फूंक दिया गया तो दंगाइयों के तांडव ने लाखों लोगों को खौफ में ला दिया है। पूर्व नियोजित यात्रा पर हुए हमले और इसके बाद हिंसा को काबू करने में हुई देरी को लेकर हरियाणा सरकार और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, हरियाणा पुलिस की एडीजीपी ममता सिंह की खूब तारीफ भी हो रही है। जिस तरह एक मंदिर में फंसे 2500 से अधिक लोगों को उन्होंने दंगाइयों से बचाया उसको लेकर हरियाणा सरकार ने भी उनकी तारीफ की है। गृहमंत्री अनिल विज ने उन्हें दिलेर बताया।

मेवात के नल्लहड़ में शिवजी का प्राचीन मंदिर है। पहाड़ी से घिरे मंदिर में ही शोभायात्रा पहुंचनी थी। बड़ी संख्या में लोग मंदिर परिसर के अंदर मौजूद थे और यात्रा के यहां पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन इस बीच उपद्रव शुरू हो गया। प्रशासन ने सैकड़ों लोगों को यहां रोककर रखा। यदि लोग उस समय बाहर जाते तो दंगाइयों का निशाना बन सकते थे। मंदिर के बाहर करीब आधे किलोमीटर की दूरी पर कई गाड़ियों को आग के हवाल कर दिया गया। इस बीच हरियाणा सरकार के गृहमंत्री अनिल विज और पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके बाद लोगों को मंदिर से सुरक्षित निकालने का मिशन शुरू किया गया। एडीजीपी ममता सिंह की अगुआई में सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों को सुरक्षित निकाला गया।

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा, ‘कल जब मंदिर में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को बंदी बना लिया गया। वहां से निकलना बहुत मुश्किल था। अंदर से जिम्मेदार लोगों ने मुझे गूगल लोकेशन भेजी। मैंने प्रशासन को कहा तो ममता सिंह ने बड़ी दिलेरी के साथ पुलिस फोर्स को लीड किया। वहां तक जाना काफी कठिन था। लेकिन वह पहुंचीं वहां तक और लोगों को बंधन से मुक्त कराया।’ इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। ममता सिंह पुलिस फोर्स के सुरक्षा घेरे में लेकर निकलती दिख रही हैं। महिलाओं ने मुसीबत से निकलने के बाद पुलिसकर्मियों को धन्यवाद कहा।

ममता सिंह 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह इस समय हरियाणा पुलिस में एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर पुलिस सेवा में आईं ममता सिंह की गिनती हरियाणा के तेज तर्रार अफसरों में होती है। कानून-व्यवस्था को लेकर उनके तेवर बेहद सख्त रहे हैं। बाबा राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत से निपटने को लेकर भी वह सुर्खियों में रह चुकी हैं।

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