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नीतीश कुमार के नहीं बुलाने से छलका मायावती का दर्द…..बोलीं- चाबी तो यूपी के पास ही है


(शशि कोन्हेर) : पटना में शुक्रवार को होने विपक्षी एकता मीटिंग में नीतीश के नहीं बुलाने पर मायावती का दर्द छलका है। मायावती ने कहा कि यूपी में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है। पर विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहां अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर और सही मायने में चिन्तित हैं। बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहां लोकसभा चुनाव की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी?

दरअसल, 23 जून को बिहार के पटना में सीएम नीतीश कुमार की मेजबानी में 17 विपक्षी दलों की एकता मीटिंग में शामिल होने वाले नेताओं में मायावती का नाम नहीं है। न ही उन्हें न्यौता दिया गया। अखिलेश यादव से लखनऊ में मिलाकर न्यौता देने नीतीश कुमार खुद आए पर इस दौरान भी मायावती का जिक्र नहीं हुआ। नीतीश कुमार मायावती को बिना मिले, बिना बुलाए वापस लौट गए।

हालांकि अखिलेश यादव ने विपक्षी एकता मीटिंग से पहले मायावती को गठबंधन का ऑफर देते हुए कहा है कि सपा ने हमेशा बड़े दिल से गठबंधन किया है और वह उम्मीद करती है कि दूसरी पार्टियां बड़ा दिल दिखाएंगी। इन सबके बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में बीजेपी पर जमकर हमला बोला तो वहीं हैरतअंगेज रुख अपनाते हुए कांग्रेस के प्रति उनका रवैया नरम रहा।

उन्होंने भाजपा व सपा पर जनबूझकर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप तो लगाया, लेकिन कांग्रेस पर हमलावर नहीं रहीं। और आज मायावती ने ट्वीट कर एकता मीटिंग पर तंज कसा और हमला बोला। अब देख वाली बात होगी कि मायावती का लोकसभा चुनाव को लेकर आगे क्या रुख रहा है।

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