(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर : शुभम शिक्षण महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को ऐसी रंगारंग प्रस्तुतियां दीं कि वहां मौजूद अतिथि, दर्शक व सहपाठी अपने आपको तालियां बजाने से नहीं रोक पाए। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि छत्तीसगढ़ की पूरी संस्कृति एक मंच पर उतर आई है। छात्र-छात्राओं ने छत्तीसगढ़ के हरेक समाज की सांस्कृतिक धरोहर को एक साथ पिरोकर खूब वाहवाही लूटी। अवसर था, महाविद्यालय के अष्टम वार्षिक सांस्कृतिक प्रतियोगिता 2०23 के पुरस्कार वितरण समारोह का।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेयर रामशरण यादव, अतिविशिष्ट अतिथि श्री बरसैंयाजी, श्याम बाबू यादव, कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. आरएस यादव, विशिष्ट अतिथि एमआईसी सदस्य अजय यादव, पार्षद रामप्रकाश साहू, पार्षद प्रतिनिधि हेमंत यादव रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की झड़ियां लग गईं।
कॉलेज के स्टूडेंट्स को तीन निकेतन में बांटा गया था। तीनों निकेतन के छात्र-छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रस्तुति देते हुए ऐसे समां बांधा कि पता ही नहीं चला कि कब दो घंटे बीत गए। ग्रुप में छात्र-छात्राओं ने जसगीत, रावत नाच, सुआ नृत्य, पंथी आदि पेश करते हुए दर्शकों को दांतों तले ऊंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के बाद मुख्य अतिथि श्री यादव व अन्य अतिथियों से सभी विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाया।
नुक्कड़-नाटक से जगाया देशभक्ति का जज्बा
कार्यक्रम में एक ऐसा नुक्कड़-नाटक पेश किया, जिसे देखकर हर दर्शकों में मन में देशभक्ति का जज्बा जाग गया। हुआ यूं कि एक मिस्त्री एक पुतला बनाता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई युगल बारी-बारी आकर उस पुतले को अपनी आस्था अनुसार बनवाते हैं।
सभी के लौटने के बाद मिस्त्री उस पुतले को अपनी अनुसार आकर दे देते हैं, जिसे देखकर सभी वापस मंच पर पहुंचते हैं और एक-दूसरे के अनुसार उस प्रतिमा को बनवाने के लिए आपस में लड़ते हैं, तभी तिरंगा झंडा लेकर भारत माता प्रवेश करती हैं और एक-दूसरे को आपस में लड़ने से रोकते हुए देशभक्ति का आह्वाान करती है। फिर सभी आपस में एक होकर भारत माता की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।