महबूबा मुफ्ती ने खाई कसम-जब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से लागू नहीं होता-तब तक नहीं लडूंगी चुनाव
(शशि कोन्हेर) : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (22 मार्च,2023) को समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह तब तक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, जब तक कि भारत सरकार अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करती। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए एक भावनात्मक मुद्दा है। उन्होंने कहा, “जब भी मैंने सदन की सदस्यता की शपछ ली थी, तो वो दो संविधानों के तहत था, जम्मू-कश्मीर का संविधान और भारत का संविधान, एक ही साथ दो झंडों के साथ।’ उन्होंने कहा कि हो सकता है कि बेवकूफाना लगता है, लेकिन यह मेरी लिए भावनात्मक मुद्दा है।
यह पूछे दाने पर कि क्या वह संसदीय चुनाव लड़ेंगी, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि इसका कुछ पक्का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘संसदीय (चुनाव), मुझे अभी कुछ पता नहीं।’ इस सवाल पर कि क्या अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की मांग करने वाला गठबंधन पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन (पीएजीडी) एक गठबंधन के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ेगा, महबूबा ने कहा कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर कभी चर्चा नहीं की कि हम चुनाव साथ मिलकर लड़ने वाले हैं या अलग-अलग। जब तक हम सभी साथ नहीं बैठते हैं। उसके बाद ही हम इस बारे में बात कर पाएंगे।’
‘विधानसभा का विकल्प नहीं हो सकती पंचायत’
जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाली के केन्द्र सरकार के दावों पर महबूबा ने कहा कि अगर पंचायत चुनाव लोकतंत्र की असल परीक्षा हैं तो फिर देश में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पद क्यों हैं। पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘वे लोग पंचायत चुनावों की बात कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ये चुनाव पहली बार हुए हैं। ये चुनाव (नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक) शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के वक्त से होते रहे हैं। अगर पंचायत लोकतंत्र की असल परीक्षा है तो, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री क्या कर रहे हैं? पंचायत विधानसभा का विकल्प नहीं हो सकती है।’
उनकी योजना कश्मीर के लोगों को तोड़ने और घुटने पर लाने की है’
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होने के संबंध में सवाल करने पर महबूबा ने कहा कि केन्द्र सरकार डरी हुई है कि अगर निर्वाचित सरकार बनी तो वे लोग अपना ‘छुपा हुआ एजेंडा’ नहीं चला सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘उन्हें किस बात का डर है, मुझे नहीं पता। वे लोग हर सप्ताह जो फरमान जारी कर रहे हैं, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को और कमजोर बना रहे हैं, और वे इसे जारी रखना चाहते हैं।’ महबूबा ने आरोप लगाया कि उनकी योजना जम्मू-कश्मीर के लोगों को तोड़ने और उन्हें घुटनों पर लाने की है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए वे विधानसभा नहीं चाहते हैं, जिसके बारे में उन्हें लगता है कि वह सशक्त हो सकती है और संभवत: फरमानों को नहीं मानेगी।’
कुपवाड़ा में शारदा मंदिर खोलने का महबूबा ने किया स्वागत
इससे पहले आज उन्होंने यूटी में कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास शारदा देवी मंदिर को खोलने के कदम का स्वागत किया। यह बहुत अच्छा है। हम हमेशा कहते रहे हैं कि हमें चीजों को जोड़ने, मेल-मिलाप करने और सुलझाने की जरूरत है। शारदा मंदिर का खुलना बहुत अच्छी बात है। यह कुछ ऐसा है जिसका कश्मीरी पंडित इंतजार कर रहे थे