देश

80 साल की मां को मक्का ले जाना चाहती हैं महबूबा मुफ्ती, विदेश मंत्री जयशंकर से मांगी मदद

(शशि कोन्हेर) : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मदद मांगी है। सोमवार को उन्होंने कहा कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को मक्का की तीर्थ यात्रा पर ले जाने के लिए पिछले तीन सालों से पासपोर्ट का इंतेजार कर रही हैं।

महबूबा ने विदेश मंत्री को लिखे एक पत्र में कहा कि उनके पासपोर्ट का नवीनीकरण लंबित है क्योंकि जम्मू कश्मीर सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में यह उल्लेख किया था कि उन्हें यात्रा दस्तावेज जारी करना राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में नहीं होगा।

तीन सालों से खींचा जा रहा पासपोर्ट का मामला
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी बेटी इल्तिजा (35) को पासपोर्ट जारी करने में हो रही देरी के मामले को भी उठाया। उनकी बेटी देश के बाहर हायर स्टडीज के लिए जाना चाहती हैं। महबूबा ने पत्र में कहा, “मैं आपको इस विषय के बारे में लिख रही हूं जो अनवाश्यक रूप से पिछले तीन सालों से खींचा जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “मेरी मां (गुलशन नजीर) और मैंने मार्च 2020 में पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। जम्मू कश्मीर सीआईडी ने यह रिपोर्ट दी थी कि मेरी 80 वर्षीय मां और मुझे पासपोर्ट जारी करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचेगा। जम्मू कश्मीर में यह नियम हो गया है कि राष्ट्र हित का बहाना बनाकर पत्रकारों, छात्रों सहित हजारों लोगों और अन्य के पासपोर्ट आवेदन मनमाने तरीके से खारिज कर दिए जाएं।”

महबूबा ने आगे कहा कि उन्होंने इस मामले में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय का भी रुख किया। तीन साल तक मामला खिंचने के बाद अदालत ने श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उसे अस्पष्ट आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर सीआईडी के प्रतिनिधि जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, “मुझे भारत के पासपोर्ट प्राधिकरण से संपर्क करने को कहा गया और मैं 2021 से कई बार वहां संपर्क कर चुकी हूं। दुर्भाग्य से अब तक मुझे कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। पासपोर्ट जारी करने में जानबूझ कर देर करना मेरे मूल अधिकारों का गंभीर हनन है।”

पीडीपी प्रमुख ने कहा, “हमारे (भारत) जैसे लोकतंत्र में यदि मेरे मूल अधिकारों को निलंबित किया जाता है तो कोई यह कल्पना नहीं कर सकता कि एक साधारण कश्मीरी को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता होगा।” उन्होंने कहा, “मेरी बेटी इल्तिजा ने भी अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए जून 2022 में आवेदन दिया था। उसका आवेदन भी अधर में लटका हुआ है और ऐसा लगता है कि श्रीनगर स्थित पासपोर्ट कार्यालय एक बार फिर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम हो गया है।”

महबूबा ने कहा, “पिछले तीन वर्षों से मैं अपनी मां को मक्का की तीर्थ यात्रा पर ले जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, लेकिन एक बेटी के रूप में मुझे इस बात का दुख है कि मैं राजनीति की वजह से एक सामान्य इच्छा पूरी कर पाने में असमर्थ हूं।” उन्होंने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा, “मैं इस उम्मीद के साथ आपको लिख रही हूं कि आप तत्काल विषय पर गौर करेंगे।” बता दें कि महबूबा के पासपोर्ट की समय सीमा 31 मई 2019 को समाप्त हो गई थी और उन्होंने इसके अगले साल 11 दिसंबर को एक नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button