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तीन बच्चों वाले सांसदों और विधायकों की वापस ली जाए सदस्यता, अजित पवार की मांग….इन्हें छूट का सुझाव


(शशि कोन्हेर) : भारत अब दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। चीन को पीछे छोड़कर आबादी के मामले में भारत करीब 3 मिलियन आगे हो गया है। इसे लेकर कुछ लोग चिंता भी जता रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार को अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए उन सांसदों और विधायकों की सदस्यता वापस ले लेनी चाहिए, जिनके 3 या उससे ज्यादा बच्चे हैं। अजित पवार ने रविवार को बारामती में एक सामाजिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।

एनसीपी नेता ने कहा, ‘हमारे देश की आबादी दिन प्रति दिन तेजी से बढ़ रही है। जब राज्य में विलासराव देशमुख थे तो उन जन प्रतिनिधियों को अयोग्य घोषित करने का फैसला हुआ था, जिनके तीन से ज्यादा बच्चे हों। हमने यह फैसला सावधानी से लिया था। लेकिन कुछ लोग जानना चाहते हैं कि उन सांसदों और विधायकों को भी क्यों नहीं हटाया जाता, जिनके 3 बच्चे हैं। मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि विधायकों और सांसदों को अयोग्य घोषित करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास ही होती है। केंद्र सरकार को ऐसे सांसदों और विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।’

अजित पवार ने कहा कि देश की आबादी आज 142 करोड़ हो गई है। उन्होंने कहा कि इतनी तेजी से बढ़ी हुई आबादी के लिए हम ही जिम्मेदार हैं। हमें इस मसले को गंभीरता से लेना होगा। किसी भी धर्म या पंथ नहीं मानना चाहिए कि बच्चे भगवान का आशीर्वाद होते हैं। आखिर बच्चे भगवान का आशीर्वाद कैसे हो सकते हैं? अजित पवार ने कहा, ‘यदि एक कपल के एक बच्चा पहली बार में होता है और फिर दूसरी बार में जुड़वां बच्चे जन्म लेते हैं तो फिर उनकी गलती नहीं मानी जानी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि जब महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी तो यह मसला मैंने उठाया था। अजित पवार ने कहा कि यदि किसी कपल के पहली बार में ही जुड़वां या तीन बच्चे हो जाते हैं तो फिर उन्हें रुक जाना चाहिए। इससे पहले जनवरी में भी अजित पवार ने दो बच्चों के नियम को सख्ती से लागू किए जाने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि लोगों को लड़के की चाहत से बचना होगा।

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