करोड़पति भोंदूदास गिरफ्तार, ऐसे औऱ मिलेंगे भोंदूदास…..
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – रिक्शा चालक भोंदूदास को आखिरकार सरकंडा पुलिस नें गिरफ्तार कर हीं लिया,गरीब भोंदूदास के नाम का उपयोग भू माफियाओ नें चिलहाटी की बेनाम औऱ सरकारी भूमि के बंदरबाँट के लिए उपयोग किया, इसमें वह सफल भी हुए, भूमाफियाओ नें फर्जी दस्तावेज के जरिये भोंदु दास के नाम करोडो की जमीन कर दी औऱ मुख्तियार आम लेकर जमीन की बिक्री कर दी,यह सब राजस्व विभाग के अधिकारीयो, आरआई, पटवारी की मिलीभगत के बगैर नामुमकिन नही है. सरकंडा पुलिस नें तत्कालीन तहसीलदार संदीप ठाकुर की शिकायत पर भोंदु दास को गिरफ्तार किया हैं।
ये है पूरा मामला :-
सरकंडा के चिल्हाटी में स्थित सरकारी और बेनाम करोंड़ों की भूमि पर कुछ भू-माफियाओं की ऐसी नजर पड़ी कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए एक गरीब वृद्ध के नाम पर साढ़े 22 एकड़ भूमि दर्ज करा दी. इसके बाद उन्होंने वृद्ध से मुख्तियारनामा लेकर जमीन को बेचकर करोड़ों रुपए डकार भी दिए. यह सारा काम कई बरसों से राजस्व विभाग के अधिकारियों के सांठगांठ में चल रहा है. इसमें सबसे आश्चर्य की बात यह है कि, वृद्ध को इसकी जानकारी ही नहीं कि, उसके नाम पर करोंड़ों की भूमि है और उसे बेच भी दिया गया है. इस मामले की शिकायत सरकंडा थाने में होने के बाद पुलिस ने जांच की तब इसका खुलासा हो सका है.सरकंडा पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ता नवल शर्मा व देवकीनंदन उपाध्याय ने चिल्हाटी के साढ़े 22 एकड़ सरकारी, बंधिया तालाब सहित अन्य बेनामी जमीन को फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के जरिए उसमें कब्जा करने व उसके विक्रय करने की शिकायत की थी. सरकंडा पुलिस ने इसकी जांच की तो मालूम चला कि, उक्त भूमि तोरवा के सिंधी कॉलोनी निवासी भोंदूदास पिता छेदीदास (70) के नाम पर दर्ज है और उससे मुख्तियारनामा लेकर उसके रिश्तेदार राम यादव ने कुछ भूमाफियाओं के साथ मिलकर जमीन को बेच दिया है. जांच में यह बात भी सामने आई कि, भोंदूदास को इसकी जानकारी भी नहीं है और आधा दर्जन भूमाफियाओं ने राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ करके यह फर्जीवाड़ा किया है.
कई सालों से हो रहा गड़बड़जाला, दस्तावेजों से हुई जमकर कूटरचना-यह काम भूमाफिया राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर कई सालों से कर रहे हैं. ये लोग सरकारी, बंधिया तालाब और गरीब ग्रामीणों की भूमि को हड़पने के लिए दस्तावेजों से खिलवाड़ कर रहे हैं. 22 बिंदुओं में छेड़छाड़ करके यह काम किया गया है. शिकायतकर्ताओं ने रोहन खेड़िया, राजू चंद्राकर, सुरेश मिश्रा, छोटू कुर्रे व अन्य प्रापर्टी डीलरों के खिलाफ शिकायत की है. इसके अलावा तत्कालीन अति. कलेक्टर, तहसीलदार, पटवारी सहित अन्य अधिकारियों की भूमिका पर संदेह जताया था.
पीएमओ में भी हुई शिकायत, एडिशनल कलेक्टर ने जांच में शिकायत को कह दिया झूठा-
दस्तावेजों के साथ कूटरचना व छेड़छाड़ करके सरकारी जमीन को हड़पने की शिकायत कुछ साल पहले पीएमओ कार्यालय में की गई थी. जहां से जांच के आदेश जिला प्रशासन को दिए गए थे. तत्कालीन अति. कलेक्टर ने इसकी जांच की और शिकायत को गलत बताकर रिपोर्ट सौप दी थी. इसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध होने पर इसकी शिकायत पुलिस से की गयी जिसपर अपराध दर्ज किया गया.
शिकायतकर्ताओं पर भी हुआ हमला, दर्ज कराई गई एफआईआर-
इस मामले की शिकायत करने पर शिकायतकर्ताओं पर हमला भी किया जा चुका है. जिसकी शिकायत सरकंडा थाने में होने पर आरोपियों पर पुलिस ने अपराध भी दर्ज किया हुआ है. सरकंडा क्षेत्र बरसों से भूमाफियाओं का सबसे पसंदीदा क्षेत्र रहा है और उस क्षेत्र में इनकी गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है.
वृद्ध को बनाया गया आरोपी, मुख्तियारनामा लेने वाले और भूमाफियाओ को अभयदान-
इस मामले में वृद्ध को आरोपी बनाया गया है. जबकि जमीन मे खेल राजस्व अधिकारी व भूमाफियाओ के सांठगांठ से हुआ है. पुलिस अगर बारीकी से मामले की जाँच करें तो कई चौकाने वाले नाम सामने आएंगे।