खदान का घेराव और भी उत्पादन बंद करने की चेतावनी…..
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : पाली – पुरातत्व विभाग और जनप्रतिनिधियों की नाराजगी और चेतावनी के बाद भी एसईसीएल मनमानी कर रहा है। सरायपाली खदान में कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्ति को लेकर secl की हैवी ब्लास्टिंग जारी है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा ने एसडीएम पाली को पत्र प्रेषित कर तत्काल हैवी ब्लास्टिंग नहीं रोकने पर कल दिनाँक 15 मार्च को प्रात 11:00 बजे सरायपाली खदान का घेराव एवं उत्पादन बंद करने की चेतावनी दी है।
एसईसीएल की पाली ब्लॉक स्थित सरायपाली खदान के आरंभ होने के दौरान ओवरबर्डन के लिए एसईसीएल जब हैवी ब्लास्टिंग कर रहा था उसी दौरान सांसद प्रतिनिधि प्रशांत मिश्रा ने पाली के ऐतिहासिक शिव मंदिर की ऐतिहासिकता और पुरातात्विक महत्व को देखते हुए इसके संरक्षण और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ब्लास्टिंग करने अपनी मंशा जाहिर करते हुए एसईसीएल और पुरातत्व विभाग को आवश्यक कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित किया था। इस तारतम्य में एसईसीएल ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों और सांसद प्रतिनिधि श्री मिश्रा और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर आश्वस्त किया था कि उनकी चिंता को दूर करते हुए खदान में अत्याधुनिक तरीके से कोयला उत्पादन करते हुए न्यूनतम ब्लास्टिंग की जाएगी। इसके बाद कई बार हैवी ब्लास्टिंग पाए जाने पर सांसद प्रतिनिधि श्री मिश्रा ने दो बार एसईसीएल अधिकारियों को चेताया था साथ ही पाली थाने में एक लिखित में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
तब अधिकारियों ने कुछ दिनों के लिए हैवी ब्लास्टिंग रोककर जताया था कि उनकी बातों पर अमल किया जा रहा है। लेकिन एसईसीएल का पुराना ढर्रा चालू हो जाता है और वर्तमान में मनमाने तरीके से हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है जिससे ग्रामीणों के मकानों को क्षति पहुंच रही है ।वही ऐतिहासिक शिव मंदिर में भी दरारें स्पष्ट देखी जा सकती है जिसकी रिपोर्ट स्थानीय कर्मचारियों ने विभागीय उच्चाधिकारियों को भेज दिया है ।
हैवी ब्लास्टिंग को लेकर खदान क्षेत्र के आसपास के ग्रामों के ग्रामीणों में काफी आक्रोश और असंतोष व्याप्त है। श्री मिश्रा ने कहा है कि secl की मनमानी अब बर्दाश्त से बाहर हो गई है यदि अब भी हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो हमारे क्षेत्र की पहचान और हजारों लोगों की आस्था के केंद्र शिव मंदिर अपना अस्तित्व खो देगी। वही आम नागरिकों के जान-माल खतरे में पड़ जाएगा। इनकी सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसके लिए एसईसीएल से आर-पार की लड़ाई ही कारगर साबित होगा। हैवी ब्लास्टिंग को लेकर प्रस्तावित घेराव एवं खदान बंद कराने के गैर दलीय आंदोलन में समस्त दलों, संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से सहभागिता निभाने की अपील की गई है।