(भूपेंद्र सिंह राठौर) : मुरुम खनन पर अंकुश लगाने में खनिज विभाग नाकाम नजर आ रहा है। इन दिनों जिले में जगह-जगह अवैध रूप से खनन किया जा रहा है, उसके बाद भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। मिट्टी, मुरुम खनन के नाम पर रोजाना नए-नए मामले सामने आने लगे हैं। जिले में हो रहे सड़क निर्माण कार्य की आड़ में मिट्टी, मुरुम का अवैध काम फैल चुका है। जिसकी जानकारी सक्षम अधिकारियों को होने के बाद भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना, अवैध मुरुम खनन को संरक्षण दिया जाना माना जा रहा है।
अब तो नगर निगम परिक्षेत्र में भी ये माफिया अपना कारोबार बेखौफ होकर कर रहे है।आलम यह है कि जैसे ही शाम ढलती है वैसे ही चिन्हांकित जगहों पर तालाबो में अवैध खनन का काम शुरू कर दिया जाता है। बड़े बड़े जेसीबी व पोकलेन के माध्यम से खनन किया जा रहा है,लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी इस और अपनी आँखें मूंद कर बैठे हुए है। ताजा मामला है नगर निगम परिक्षेत्र के वार्ड क्रमांक 58 खमतराई का है। यहां खनिज माफिया दो तालाब को अपना निशाना बनाये हुए है। दोनों ही तालाबो में पोकलेन लगाया जाता है।
शाम होते ही मशीनों के जरिये मिट्टी और मुरुम निकालने का काम शुरू हो जाता है। देर रात तक खमतराई मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है जिसके चलते इस मार्ग पर गुजरना मुश्किल हो गया है। सूत्रों के अनुसार सत्ताधारियों की शह पर यह खेल यहां चल रहा है। इन माफियाओं के गुर्गे भी शाम होते ही यहां पर सक्रिय हो जाते है ताकि उनके काम मे कोई बाधा न डाल सके। इस हद तक खनिज माफिया अधिकारियों के ऊपर हावी है कि अब वह भी यहां अपना हाथ डालने से बच रहे है। ऐसे में सरकार को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।