मोदी सरकार की मुनाफखोरी नीति से पेट्रोल डीजल, रसोई गैस की दाम बढ़े – मोहन मरकाम
(शशि कोन्हेर) : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी अपने जिम्मेदारी से भागने वाला बयान देे रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केन्द्र सरकार की नैतिकता बनती है जब क्रूड आयल के दाम अंतराष्ट्रीय बाजार में कम हुये है और ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थो के दाम भी भारत में भी कम होने चाहिये। मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दाम में बेतहासा एक्साइज ड्यूटी की वसूली की जा रही है केन्द्र सरकार के द्वारा, मुनाफाखोरी की जा रही है ।
जो रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की गयी है उसे तत्काल वापस लेना चाहिये। कैन्द्रीय मंत्री पुरी का पेट्रोलियम कंपनियों से अपील करना और राज्य सरकार से यह कहना वैट कम करे यह केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री का अपने जिम्मेदारी से भागने वाला बयान है। पूर्व में ही सभी राज्य सरकारो ने वैट कम किया था।
जीएसटी लगने के बाद वैट ही तो राज्य सरकारो के सीधे प्रत्यक्ष कर का एक मात्र तो साधन बचा है। ऐसे में राज्य सरकारों से अपेक्षा करने के बजाये जो मुनाफाखोरी वाली नीति केन्द्र सरकार अपनायी हुयी है उसमें कटौती की जानी चाहिये। दरअसल मोदी सरकार चाहती ही नहीं है कि आम जनता को मंहगाई से राहत मिले इसलिये कुछ न कुछ बहाने बाजी करके ये अपने जिम्मेदारी से भागने की बात करते है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी द्वारा राज्यों से वैट कम किये जाने की मांग जनता से धोखा है। आज पेट्रोल-डीजल 100 रू. के पार हो गया है। इसका एकमात्र कारण केंद्र की एक्साइज ड्यूटी में मनमाने ढंग से बढ़ोत्तरी है। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, उस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रुड ऑयल की कीमत गिरकर 44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुॅंच गई थी।
और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका श्रेय स्वयं की किस्मत को दिया था। तब भी केंद्र सरकार ने क्रुड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट से जनता को राहत देने के बजाए, इस पर भारी भरकम एक्साइज ड्यूटी लगाकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी नहीं की। तब से यह सिलसिला बदस्तुर आज भी जारी है।