नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जावे : न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर : को आयोजित होने वाली आगामी नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्री-लिटिगेशन एवं लंबित मामलों को अधिक से अधिक संख्या का निराकृत किये जाने पर विशेष जोर दिया जावे, इसके अलावा क्षतिपूर्ति, लेबर, स्थायी लोक अदालत के साथ साथ राजस्व के मामलो को अधिक से अधिक संख्या में निराकृत कर का प्रयास किया जावे।
उक्त निर्देश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश, एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने समस्त जिलों के जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के न्यायाधीशों, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन, सीजेएम, लेबर कोर्ट जज को उच्च न्यायालय से सालसा के माननीय कार्यपालक अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के माननीय अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल की विशिष्ट उपस्थिति में आयोजित विडियो कान्फ्रेसिंग परिचर्चा बैठक में दी।
उक्त विडियो कान्फ्रेसिंग परिचर्चा में सालसा के माननीय कार्यपालक अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने न्यायाधीशों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछली लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन के मामलों में अच्छे परिणाम आये है, अतः प्रीलिटिगेशन के मामलों को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण को और बढ़ाया जाये।
और स्थायी लोक अदालत से संबंधित मामलों में पक्षकारों को उनके निवास स्थल पर ही मोबाईल वैन का उपयोग कर मामलों का निराकरण करने का प्रयास किया जावे। इसके अलावा लोक अदालत की नोटिस पक्षकारों को समय पर जारी करने एवं उसकी तामिली सुनिश्चित किये जाने हेतु भी विशिष्ट दिशा निर्देश दिये गये।
उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के माननीय अध्यक्ष श्री न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल ने कहा कि धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण एवं नालसा की गाईडलाईन के अनुसार संबंधित मामलों को लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में निराकृत करने का प्रयास किया जावे।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के द्वारा वर्ष 2023 हेतु निर्धारित कैलेण्डर एवं दिये गये दिशा-निर्देशानुसार सभी स्तरों के न्यायालयों में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन के राजीनामा योग्य मामलों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किये जाने हेतु निर्देशित किये गये हैं।
जिसमें वर्ष 2023 में प्रथम नेशनल लोक अदालत दिनांक 11-2-2023 को आयोजित की गई थी, जिसमें 39,062 लंबित मामलों तथा 2,72,545 प्री-लिटिगेशन के मामले तथा दिनांक 13-5-2023 को आयोजित द्वितीय नेशनल लोक अदालत में 39,123 लंबित एवं 3,55,450 प्री-लिटिगेशन के मामले निराकृत किये गये थे।
अवगत हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार नेशनल लोक अदालत का आयोजन कोर्ट की परिभाषा में आने वाले सभी न्यायालयों यथा उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, फैमिली कोर्ट, फोरम, ट्रिब्यूनल के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं तथा आागामी नेशनल लोक अदालत 09 सितम्बर 2023 को होनी है।