छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय महाधिवेशन : कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तुलना महात्मा गांधी से करते दिखे मल्लिकार्जुन खड़गे…..सदस्यों को दिया ये अहम सुझाव

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी में कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो गया है। अधिवेशन में शामिल होने के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी भी रायपुर पहुंच गए हैं। शुक्रवार सुबह हुई पार्टी की स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में तय हुआ है ।

कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव नहीं होगा और अध्यक्ष को सदस्य नॉमिनेट करने का अधिकार सर्वसम्मति से दिया गया है। शुक्रवार शाम को पार्टी की सब्जेक्ट कमेटी की बैठक होगी। जहां छह प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

पहले दिन स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे खुद के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तुलना महात्मा गांधी से करते हुए दिखे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘1885 से अब तक कांग्रेस के 138 साल के इतिहास में 84 अधिवेशन हो चुके हैं। लेकिन ये अधिवेशन इस लिहाज से खास है कि आज से करीब 100 साल पहले 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे।

यह महाधिवेशन मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलगांव में हुआ था। हालांकि गांधीजी एक बार ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। लेकिन उन्होंने छोटी सी अवधि में कांग्रेस को गरीबों, कमजोर तबकों, गांव देहात और नौजवानों से जोड़ कर एक आंदोलन बना दिया था। सौ साल बाद फिर से उसी संकल्प और भाव की जरूरत है। ये उनके प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने सदस्यों से खुले तौर पर बोलने और सामूहिक निर्णय लेने का सुझाव देते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में मैं आपसे केवल ये कहना चाहता हूं कि आप सब खुल कर अपनी बात रखिए और सामूहिक तौर पर फैसला लीजिए। आप सबकी जो राय बनेगी, वह मेरी और सबकी राय होगी। इस महाधिवेशन में छह विषय चर्चा के लिए तय हुए हैं।

ये विषय राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्दे, किसान और खेत मजदूर, सामाजिक न्याय और युवाओं का उत्थान है। स्टीयरिंग कमेटी को इन सभी विषयों पर बने छह ड्राफ्ट रिजोल्यूशन पर चर्चा करना है। ये अहम काम हमें गंभीरता के साथ करना है। क्योंकि इसमें देश की बुनियादी समस्याओं को लेकर हमारी समझ और भविष्य के लिए हमारी दूरदर्शिता दोनों दिखेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, छत्तीसगढ़ के इतिहास में कांग्रेस का यह महाधिवेशन आधा दर्जन राज्यों के विधानसभा चुनावों और उसके बाद 2024 के आम चुनावों की पृष्ठभूमि में हो रहा है। हमारे सामने ये एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा अवसर भी है। यहां से हमारा सार्थक संदेश करोड़ों साथियों तक एक नई ऊर्जा के साथ पहुंचेगा, तो वे कार्यकर्ता उसे गांव-गांव उसे पहुंचा कर जनता का विश्वास हासिल करने में कामयाब होंगे।

हम जो फैसले लेंगे वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमारी पार्टी के भविष्य का एक मजबूत आधार बनेंगे। यह महाधिवेशन ऐसे दौर में हो रहा है, जब इस देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं। लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। संसदीय संस्थाएं भी गंभीर संकट से जूझ रही हैं। राजनीतिक गतिविधियों पर भी पहरेदारी हो रही है। इस नाते हमें बहुत सोच विचार कर तथ्यों के साथ अपने विचारों को आगे बढ़ाना है क्योंकि इस महाधिवेशन पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ऊर्जा भी जिक्र किया। खरगे ने कहा, कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं। इससे हमारा संगठन आगे बढ़ा। कुछ अधिवेशन मील के पत्थर बने। हमारे सामने ये मौका है कि नया रायपुर को भी हम इतिहास में इस तरह दर्ज करा दें।

कि आने वाले समय में यह हमें रास्ता दिखाता रहे। इस मौके पर मैं ये बात रखना भी जरूरी समझता हूं कि राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा से देश भर में जिस तरह से ऊर्जा भरी और महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मुद्दों पर जिस तरह जागरूकता फैलाई, उस जोश को हमें बनाए रखना है।

25 फरवरी को सुबह 10.30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष का संबोधन होगा। फिर सुबह 11.15 बजे सोनिया गांधी संबोधित करेंगी। 25 फरवरी को ही राजनीतिक, आर्थिक और इंटरनेशनल मुद्दों पर चर्चा होगी। जबकि 26 फरवरी को कृषि, किसान कल्याण, युवा रोजगार और शिक्षा तथा सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण पर चर्चा होगी। 26 फरवरी को ही 10.30 बजे राहुल गांधी प्रीलिमिनरी सेशन को संबोधित करेंगे। दोपहर दो बजे खरगे का अंतिम भाषण होगा। तीन बजे एक आम सभा होगी। जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता जनसभा को भी संबोधित कर सकते हैं।

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