शहर से रैन बसेरा है लापता : डॉ रश्मि सोनकर…..लापता रैन बसेरा की रिपोर्ट दर्ज कराने लोग पहुंचे सिटी कोतवाली
(रामप्रसाद गुप्ता) : मनेंद्रगढ़ – प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता की वजह से ठंड में एक बुजुर्ग की मौत हो गई। मामले की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर बुजुर्ग की मौत पर अफसोस जताया। साथ ही रैन बसेरा ना मिलने के कारण हुई दुखद मौत के बाद रैन बसेरा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने काफी संख्या में लोग सिटी कोतवाली पहुंचे।
इस दुखद घटना के बाद प्रबल स्त्री फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ रश्मि सोनकर ने बयान जारी करते हुए बताया कि 11 दिसम्बर की रात एक बुजुर्ग की ठंड से ठिठुर कर मौत हो गई। मनेंद्रगढ़ शहर मे प्रत्येक वर्ष दिसम्बर मे ठंड बहुत बढ़ जाती है लेकिन स्थानीय प्रशासन व नगर पालिका की असंवेदनशीलता के कारण एक अज्ञात बुजुर्ग की असमय मौत के बाद आक्रोशित होकर नगर के लोगों ने मिलकर सबसे पहले रैन बसेरा को शहर के चप्पे-चप्पे मे छान मारा। पहले जहाँ रैन बसेरा था वहाँ पर पहुंचने पर जांच में पाया गया की वहां सिर्फ भवन मौजूद है जिसमे रैन बसेरा से संबंधित कोई बोर्ड नही लगा हुआ था।
सुबह तक तो भवन में ताला लगा हुआ था पर मामले के तुल पकड़ते ही भवन को साफ किया गया है लेकिन वहाँ पर लोगों के ठहरने की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दी। इस तरह एक और जगह पर अस्थाई रैन बसेरा था। वहाँ पर भी ताला लटका हुआ था। बुजुर्ग की हुई दुखद मौत के बाद गुस्साए लोगों ने सिटी कोतवाली मे रैन बसेरा की गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए आवेदन दिया।
डॉ रश्मि सोनकर ने कहा
कि बाहर से आने वाले यात्रीगण व बेघर लोगों के लिए स्थानीय प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नही है। ना अलाव जल रहा है और ना ही उनके रुकने की व्यवस्था की जा रही है। इस विषय पर ध्यानाकर्षण कराते हुए स्थानीय प्रशासन व नगर पालिका को उनके जिम्मेदारी का बोध कराना चाहते है ताकि अन्य किसी की मृत्यु ना हो।
नेता प्रतिपक्ष सरजू यादव ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष का रवैया बेहद निंदनीय है। अनुभव होने के बाद भी इस बार ठंड पर कोई व्यवस्था नही कर पाना दुखद है।
भाजपा नेता लखनलाल श्रीवास्तव ने कहा कि स्थानीय विधायक को जनता की कोई फिक्र नही है।
विरोध प्रदर्शन मे जे.के. सिंह, लखनलाल श्रीवास्तव, सरजू यादव, ध्यानु साहु, हिमांशु श्रीवास्तव, रवि सिंह, मनोज केसरवानी, आलोक जायसवाल, डॉ रश्मि सोनकर, प्रतिमा प्रसाद, आयशा, इशा दास और धर्मेन्द्र पाडेय उपस्थित रहे।