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बेअदबी के आरोप में निहंग सिख ने युवक को मार डाला, खुद को गुरुद्वारे में बंद किया..

(शशि कोंन्हेर) : पंजाब के फगवाड़ा में मंगलवार को सुबह एक गुरुद्वारे में निहंग सिख ने युवक की हत्या कर दी। युवक पर गुरुद्वारे बेअदबी का आरोप था। युवक की हत्या करने वाले निहंग सिख की पहचान रमनदीप सिंह के तौर पर हुई है। उसने घटना का वीडियो शेयर किया है और कत्ल की जिम्मेदारी भी ले ली है।

हत्या के बाद निहंग सिख रमनदीप सिंह ने खुद को चौड़ा खूह गुरुद्वारे में बंद कर लिया था, जहां पुलिस मौके पर पहुंची है। सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब से छेड़छाड़ करने या उसे अपवित्र करने को बेअदबी कहा जाता है। इसके अलावा गुरुद्वारे के भीतर भी शराब पीने या अन्य नशा करने जैसी हरकतों को भी बेअदबी माना जाता है।

गुरुद्वारे में लगे पवित्र ध्वज एवं निशान साहिब से छेड़छाड़ को भी बेअदबी ही मानते हैं। ऐसे में इस तरह की हरकतों के चलते कई बार हिंसक घटनाएं हो जाती हैं। बीते कुछ सालों में पंजाब में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें बेअदबी के आरोप में निहंग सिखों ने लोगों को मार डाला।

एक महिला को भी गुरुद्वारा परिसर में शराब पीने के आरोप में कत्ल कर दिया गया था। हालांकि इसे लेकर सवाल भी उठते रहे हैं कि आखिर बेअदबी के मामलों में कोई कानून अपने हाथ में क्यों ले? लेकिन यह मसला पंजाब में बेहद संवेदनशील रहा है।

बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ीं बेअदबी पर कत्ल की घटनाएं

पिछले साल मोरिंडा कस्बे में स्थित गुरुद्वारे में एक युवक ग्रंथियों से भिड़ गया था। इसके बाद उसने गुरुग्रंथ साहिब से बेअदबी की थी। इस मामले के चलते बड़े पैमाने पर प्रदर्शन भी हुए थे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, जिसकी पहचान जसवीर सिंह के नाम से हुई थी। उस घटना का वीडियो भी आया था।

जिसमें दिखता है कि जसवीर रेलिंग तोड़कर गुरुग्रंथ साहिब के पास तक जाता है और पवित्र ग्रंथ से बेअदबी करता है। यही नहीं इस दौरान वह दो ग्रंथियों से भी भिड़ जाता है। जसवीर सिंह को मौके पर मौजूद लोगों ने पकड़ लिया था और जमकर पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया था। वहीं कई मामलों में कत्ल ही हो गए थे।

कौन होते हैं निहंग सिख, जिन पर लग रहे हिंसा के आरोप

नीले रंग के कपड़े और पगड़ी धारण करने वाले निहंग सिखों पर अकसर बेदअबी के मामलों में हिंसा करने के आरोप लगते रहे हैं। इन निहंग सिखों के पास तलवार, कटार, कृपाण जैसे हथियार भी होते हैं। कई बार इन लोगों के पास बंदूकें भी होती हैं।

गुरुद्वारों की सुरक्षा के लिए निहंग सिख पंथ की स्थापना की गई थी। इन्हें गुरु की फौज के नाम से भी पुकारा जाता है। इनके अलग-अलग जत्थे रहे हैं और वे अपनी जिंदगी सिख पंथ की सेवा में लगाते रहे हैं। हालांकि ऐसे हिंसक मामलों ने इन्हें चर्चा में ला दिया है।

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