केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा कितनी भी कवायद कर लें, बस्तर का भरोसा नहीं जीत पाएंगे : मोहन मरकाम
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर प्रवास की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अमित शाह और भाजपा कितनी भी कवायद कर ले बस्तर का भरोसा नहीं जीत पायेंगे। अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री है, उन्हें पिछले 4 साल में बस्तर में हुई शांति बहाली पर आत्म अवलोकन करना चाहिये कि उनकी भाजपा की रमन सरकार जो काम 15 साल में नहीं कर पायी उसे कांग्रेस सरकार ने 4 साल में कैसे कर लिया ? अमित शाह को छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं से भी सवाल करना चाहिये कि उन्होंने 15 सालों तक बस्तर की उपेक्षा क्यों की थी ? अपने बस्तर प्रवास के दौरान रमन सरकार के द्वारा किये गये अत्याचार और शोषण के लिये बस्तर के लोगों से माफी मांगे। 15 साल के भाजपा के शासन काल में बस्तर के आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को भाजपा ने बंधक बनाकर रखा था। 15 सालों तक बस्तर के आदिवासी सुरक्षा बलों और नक्सलवाद के दो पाटों में पिस रहे थे। छोटी-छोटी धाराओं में मासूम आदिवासियों को वर्षो तक जेल की सलाखों में बंद रखा गया था। उनकी जमीनों को कोड़ियों के दाम लूटने का षडयंत्र रचा गया। जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के नैसर्गिक अधिकारों का हनन किया गया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा हमेशा से आदिवासियों की शोषक रही है। भाजपा को कभी आदिवासियों के स्वास्थ्य और शिक्षा का ख्याल नहीं आया। आदिवासियों के संबंध में उनके अधिकारों के संबंध में कुछ भी बोलने के पहले समूची भाजपा को छत्तीसगढ़ के 32 प्रतिशत आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिये।